उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशामुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे के प्रति “ना” कहें और अपने साथियों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा केवल बुरी आदत नहीं, बल्कि समाज को भीतर से खोखला करने वाली गंभीर चुनौती है। यह व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय क्षमता को प्रभावित कर उसका भविष्य प्रभावित कर सकती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के लक्ष्य को साकार करने के लिए मिशन मोड पर काम किया है।
उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए 2022 में त्रिस्तरीय Anti-Narcotics Task Force (ANTF) का गठन किया गया, जिसने पिछले तीन वर्षों में 6,000 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया और ₹200 करोड़ से अधिक के नारकोटिक्स बरामद किए।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में चार Integrated Rehabilitation Centre for Addicts (IRCA) सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जो नशा पीड़ितों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, AIIMS ऋषिकेश की मदद से Addiction Treatment Facility (ATF) भी संचालित की जा रही है। प्रदेश के सभी जनपदों में शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग कमेटियां गठित की गई हैं।
धामी ने बताया कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला “ऐपण कला” के माध्यम से भी नशा विरोधी संदेश फैलाए जा रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर नशा विरोधी संदेशों वाली ऐपण पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही हैं। युवाओं को सकारात्मक दिशा देने के लिए ‘दगड़िया क्लब’ भी बनाए गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ दिलाई और स्कूल-कॉलेजों में आयोजित राज्य स्तरीय भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष संजय नेगी, सचिव समाज कल्याण डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन, निदेशक समाज कल्याण डॉ. संदीप तिवारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।




