शहीद राकेश मवाड़ी की माता श्रीमती हेमा देवी को वरिष्ठ कवि अनिल सारस्वत ने किया सम्मानित।।

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चन्द्रशेखर जोशी

रामनगर – आतंकवादियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई में अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान हुए रामनगर निवासी शहीद राकेश मवाड़ी की माताजी वीरांगना श्रीमती हेमा देवी को वरिष्ठ कवि, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अनिल सारस्वत ने उनके घर पहुंचकर सम्मानित किया।


राकेश का जन्म 1 जनवरी 1981 को ग्राम मछकाली, तहसील रानीखेत में हुआ था। उनके पिता राजेंद्र मेवाड़ी शिक्षक थे। राकेश चार भाइयों में सबसे बड़े थे। राकेश पढ़ाई में बचपन से ही अव्वल थे। माता-पिता चाहते थे कि राकेश अध्यापक या अन्य कोई अच्छी सरकारी नौकरी करें। परंतु राकेश की दिलचस्पी भारतीय सेना में शामिल होकर देशसेवा करने की थी। इसके लिए वह हमेशा प्रयासरत भी रहते थे।
रानीखेत डिग्री कॉलेज में जब राकेश बीएससी पार्ट वन की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनका चयन भारतीय सेना की सिगनल कोर में हो गया। जब राकेश ट्रेनिंग के लिए जाने लगे तो उनकी मां रोने लगी और उन्हें सेना में जाने के लिए रोकने लगी। तब राकेश ने कहा कि “देख मां, मरते तो सभी एक न एक दिन जरूर हैं, परंतु अपनी भारत माता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करना विरलों को ही नसीब हो पाता है।” ऐसा कहकर वह घर से निकल गये थे।
राकेश उन दिनों 2 राष्ट्रीय राइफल्स में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। दिनांक 5 अक्टूबर 2004 को रात्रि के 2 बजे राकेश अपने साथियों के साथ श्रीनगर के मुस्तफाबाद कालोनी में रात्रि गश्त पर थे तभी सीमा-पार से घुसे आतंकवादियों ने उनकी टीम पर अचानक घातक हमला कर दिया। अपने साथियों को बचाने के उद्देश्य से राकेश सामने से आकर आतंकियों से मुकाबला करने लगे तभी एक आतंकवादी ने राकेश के ऊपर दायीं दिशा से ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी और वीर योद्धा राकेश मवाड़ी आतंकवादियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई में मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।
काशीपुर निवासी वरिष्ठ कवि अनिल सारस्वत पिछले कुछ वर्षों से प्रतिमाह नैनीताल जिले की वीरांगनाओं को प्रतीक चिन्ह व नकद राशि समर्पित कर सम्मानित कर रहे हैं। रामनगर में इससे पूर्व भी वह वीरांगनाओं को सम्मानित कर चुके हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग रामनगर के अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन चन्द्र पोखरियाल, पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर कुलवंत सिंह रावत, ब्लाक प्रतिनिधि चन्द्रमोहन सिंह मनराल, पूर्व उपाध्यक्ष जिला सहकारी बैंक महिपाल डंगवाल, सौरभ मवाड़ी एवं बिक्रम सिंह रावत उपस्थित थे।