क्या मैं इतनी बुरी थी मेरी मां…

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विकासनगर में नहर किनारे मिली दुधमुंही बच्ची, पास में लिखा कागज मिला- इसे मैं पाल नहीं सकती…

बेटी का दर्द

मां अभी तो मैं सिर्फ एक माह की ही हुई थी, तेरा दूध पीकर कुछ बड़ी होती, दुनियादारी समझती, पढ़ती-लिखती तेरा सहारा बनती, लेकिन इससे पहले ही तूने मुझे नहर किनारे छोड़ दिया। क्या मां मैं इतनी थी बुरी… जो नहर किनारे छोड़ने की तेरी बनी मजबूरी…

ममता पर भारी गरीबी

एक माह की दुधमुंही बेटी का पालन-पोषण करने में असमर्थ वह लाचार मां अपने कलेजे के टुकड़े को नहर किनारे लावारिस हालत में छोड़कर चली गई। बच्ची एक पिता और बेटी को कंबल में लिपटी मिली। पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद बच्ची को बाल शिशु कल्याण केंद्र, केदारपुरम, देहरादून भेज दिया। अब उसके माता-पिता की तलाश की जा रही है।

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अंबाड़ी नहर के पास कंबल में लिपटी मिली
पुलिस के अनुसार, सोमवार दोपहर देहरादून जिले के विकासनगर में अनूप सिंह निवासी छोटूवाला और उनकी बेटी नीलम को अंबाड़ी नहर के किनारे कंबल में लिपटी बच्ची दिखाई दी। उन्होंने आसपास पता किया लेकिन परिजनों का पता नहीं चला। दोनों बच्ची को लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची के स्वास्थ्य की जांच कराई। स्वस्थ होने पर पुलिस ने बाल कल्याण समिति, देहरादून को सूचना दी। समिति की सहायता से बच्ची को शिशु कल्याण केंद्र भिजवाया गया। 

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कपड़ों की पोटली में थी पर्ची

विकासनगर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि बच्ची के पास ही कपड़ों की एक पोटली थी। इसमें साबुन आदि रखे थे। मौके से एक पर्ची भी मिली। इसमें लिखा है कि उसकी और भी बेटियां हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वे इस बच्ची की अच्छी देखभाल नहीं कर सकते। कोतवाल ने बताया कि इस संबंध में सभी पुलिस थानों और चौकियों को सूचित कर दिया गया है। बच्ची के माता-पिता का पता लगाया जा रहा है। जिस जगह वह मिली, वहां आसपास रहने वाले लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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