उत्तराखंड में बड़े खतरे का अलर्ट! शीतलहर से निपटने को प्रशासन की बड़ी तैयारी

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उत्तराखंड में इस बार सर्दियां सामान्य से कहीं अधिक कठोर हो सकती हैं। पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां ठंड हर साल अपना असर दिखाती है, लेकिन इस वर्ष मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन की चेतावनियों ने राज्य सरकार को पहले से ही सतर्क मोड पर ला दिया है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने शीतलहर से निपटने के लिए प्रदेशभर में विशेष तैयारियों को गति देने के निर्देश दिए हैं।

मानसून के दौरान भारी वर्षा का सामना करने के बाद अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। बढ़ती ठंड और संभावित शीतलहर को देखते हुए सचिव सुमन ने सभी जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।

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सभी जिलों को कहा गया है कि वे जल्द से जल्द कोल्ड वेव एक्शन प्लान तैयार कर उसे आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) को भेजें। सचिव ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलों को पर्याप्त धनराशि जारी कर दी गई है और जरूरत पड़ने पर तत्काल अतिरिक्त बजट भी दिया जाएगा।

सचिव सुमन ने बताया कि शीतकालीन यात्रा के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु राज्य में पहुंच रहे हैं। इसलिए प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि यात्रियों को मौसम और सड़क की स्थिति की पूरी जानकारी देकर ही आगे बढ़ाया जाए। बर्फबारी से मार्ग बंद होने पर सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था पहले से तैयार रखने को कहा गया है।

उन्होंने निर्देश दिया कि फरवरी 2026 तक के लिए आवश्यक खाद्यान्न, पेयजल, दवाइयां, ईंधन और गैस सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक हर जिले में उपलब्ध रहे। स्वास्थ्य सेवाओं को 24 घंटे अलर्ट पर रखा जाएगा। ठंड अधिक होने वाले क्षेत्रों में रात के समय अलाव की व्यवस्था बाध्यकारी कर दी गई है।

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जनवरी–फरवरी 2026 में प्रसव की स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं का डेटा तैयार करने को कहा गया है। जिन इलाकों में बर्फबारी से आवाजाही प्रभावित होती है, वहां से ऐसी महिलाओं को समय रहते अस्पताल पहुंचाने की योजना भी तैयार की जा रही है।
निराश्रितों, मजदूरों और खुले में सोने वाले लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने की सख्त हिदायत दी गई है ताकि कोई भी व्यक्ति शीतलहर का शिकार न बने।

ऐसे मार्गों को पहले ही चिह्नित किया जा रहा है, जहां हर साल बर्फ जमने से खतरा बढ़ जाता है। यहां JCB, स्नो कटर, टायर चेन, और फिसलन कम करने के लिए चूना-नमक छिड़काव की व्यवस्था रखी जाएगी। साथ ही संवेदनशील मार्गों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चेताया है कि इस वर्ष सामान्य से अधिक ठंड और लंबे समय तक शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। उत्तर भारत में कम वर्षा और कम तापमान के संकेत मिल रहे हैं, जिससे ठंड का प्रभाव और गंभीर हो सकता है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि मौसम अलर्ट को नियमित रूप से सुनें और आवश्यक सावधानियां बरतें। साथ ही बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों की विशेष देखभाल की सलाह दी गई है।

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