आरोप: जाति और धार्मिक पहचान के आधार पर पीड़ितों को मरहम लगा रही धामी सरकार

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नाराजगी…..
दलित नेता जगदीश चंद्र हत्याकांड मामले में विभिन्न संगठनों का विरोध प्रदर्शन
मृतक की पत्नी, बहन को नौकरी और अंकिता हत्याकांड की तरह मुआवजा देने की मांग

रामनगर (नैनीताल)। कॉर्बेट हलचल
सल्ट के दलित नेता और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उम्मीदवार रहे जगदीश चंद्र की हत्या के मामले में उत्तराखंड सरकार के मुखिया की चुप्पी और सरकार की संवेदनहीनता से नाराज लोगों ने शनिवार को लखनपुर क्रांति चौक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जगदीश की विधवा गीता और बहन गंगा को सरकारी नौकरी देने और अंकिता हत्याकांड की तरह मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने नेहा और राज्य में महिलाओं और बेटियों की पुख्ता सुरक्षा की मांग उठाई।

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रामनगर में शनिवार को सल्ट के दलित नेता जगदीश चंद्र हत्याकांड के मामले में मृतक आश्रितों को समुचित मुआवजा देने और महिलाओं बेटियों की सुरक्षा की मांग पर प्रदर्शन करते विभिन्न जन संगठनों के लोग।


शनिवार शाम प्रदर्शन के दौरान लोगों ने मृतक जगदीश को न्याय दो ,गीता को न्याय दो, जगदीश की विधवा गीता एवं बहन गंगा को सरकारी नौकरी दो, महिलाओं को सुरक्षा दो, बेटियों को सुरक्षा दो, जातिवाद का नाश हो, मनुवाद का नाश हो समेत उत्तराखंड सरकार विरोधी नारेबाजी की।
इस दौरान ललित उप्रेती के संचालन में हुई सभा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष  और राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने उत्तराखंड सरकार पर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जगदीश हत्याकांड को एक महीना हो गया है लेकिन मुख्यमंत्री, सल्ट विधायक और अल्मोड़ा सांसद की ओर से मृतक के परिजनों की कोई सुध नहीं ली गई। समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने सरकार पर मनुवादी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जाति एवं धार्मिक पहचान के आधार पर पीड़ितों पर मरहम लगाने का कार्य कर रही है। अंकिता हत्याकांड और जगदीश हत्याकांड सरकार के रवैये से यह बात साफ हो जाती है। सरकारी रवैये के कारण सामाजिक रुप से कमजोर एवं अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है।
शिक्षक नेता नरीराम स्नेही ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जाति धर्म से ऊपर उठकर हर नागरिक को सुरक्षा एवं न्याय दें लेकिन जगदीश हत्याकांड में सरकार द्वारा जिस तरह से संवेदनहीनता दिखाई है उससे सामाजिक रुप से कमजोर वर्गों में अच्छा संदेश नहीं गया है।
प्रदर्शन में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी लोक मंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ,महिला एकता मंच समेत कई अन्य संस्थाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान मनमोहन अग्रवाल, नवीन नैथानी, लालमणि, चिंताराम, रईस अहमद, किरण आर्य, भुवन, लालता प्रसाद श्रीवास्तव,, मेघा, गीता, तुलसी छिम्बाल, सरस्वती जोशी, ललिता रावत, मेघा , सुनील , मोहन सिंह सजवान, किशन ,सूरज सैनी, राजेंद्र , मोहन तिवारी आदि मौजूद रहे।

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