चौखुटिया( गणेश जोशी)-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि गैरसैंण राजधानी समर्थक शक्तियां एकजुट हो जाएं, भले ही एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने अपने कार्यकाल में राजस्थानी को स्थाई नहीं बनाने पर विधायकों का सहयोग ना होना बताया।
कहा कि राजधानी व पच्चीस हजार करोड़ के पैकेज को लेकर अपने वादे से पीछे हटने वाली भाजपा को नही बख्शा जाना चाहिए, एक मुख्यमंत्री गैरसैंण राजधानी की घोषणा करता है उसी सरकार का दूसरा मुख्यमंत्री गैरसैंण नाम से भी पीछे हटता है।
रावत गैरसैंण से लौटने के बाद दूरभाष पर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को राजधानी बनाने की घोषणा की थी परंतु तब से तीन ग्रीष्मकाल चले गए परंतु जनता को कुछ हासिल नही हुआ।
जिस गैरसैंण में पूरी सरकार और अधिकारी होने चाहिए थे वहां कोई नही है उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी का सबसे अधिक लाभ चमोली व अल्मोड़ा जिले को मिलेगा परंतु उक्त दोनों जिलों के लोग गैरसैंण को लेकर अपेक्षा के अनुरूप सक्रिय नही दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने लोगो से वक्त रहते जागने को कहा है। उन्होंने कहा कि वे गैरसैंण समर्थक ताकतों को हर मामले में पूर्ण सहयोग को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार की मंसा सही होती तो अब तक राजधानी क्षेत्र गैरसैंण, कर्णप्रयाग, चौखुटिया, द्वाराहाट आदि स्थानों पर ढांचागत सुविधाओं का विस्तार हो चुका होता।
इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, चाय बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष कुबेर सिंह कठायत आदि मौजूद थे।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने मासी में आयोजित कार्यक्रम में खीमराम, गोपालसिंह व गुसाई राम सहित सात बुजुर्गों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहीं कृष्णा राठौर, महेश लाल वर्मा,भगवत रावत, बिपिन शर्मा आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।