विधानसभा भर्ती: कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का हमला, माहरा कुंजवाल पर भी बरसे

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सियासी हमले…
प्रियंका के तीखे हमले के बाद राज्य में नेता प्रतिपक्ष भी मुखर
नेता प्रतिपक्ष ने अपनी पूर्व सरकार के स्पीकर को भी घेरा

देहरादून। कॉर्बेट हलचल
उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों पर कांग्रेस ने पूरी तरह से आक्रामक रुख अपना लिया है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी विधानसभा भर्तियों पर उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं।


योग्य उम्मीदवारों को निराश किया
प्रियंका के हमले के बाद कांग्रेस विस की भर्तियों को लेकर और भी मुखर हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने फिर दोहराया कि जिन लोगों ने नैतिकता का ताक पर रखते हुए अपने नाते-रिश्तेदारों को नौकरियां दिलाई हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। प्रियंका ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एक तरफ, यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार सामने आया है। दूसरी ओर, विधानसभा में हुई भर्तियों में भी भारी भ्रष्टाचार और घोटाला सामने आया है जिसके तहत नेताओं के रिश्तेदारों और संबंधियों को बड़ी संख्या में पद बांटे गए। लगातार हो रहे इन घोटालों ने हमारे योग्य और शिक्षित युवाओं को न सिर्फ निराश किया है, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है।

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राज्य कांग्रेस भी मुखर
शीर्ष नेतृत्व के रुख से राज्य के कांग्रेस नेताओं को भी बल मिला है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि राज्य का गठन इसलिए नहीं हुआ था कि प्रभावशाली लोग नौकरियों को बेचे या अपने रिश्तेदारों को बांट दें। सरकार राज्य की सभी विवादित नौकरियों की चयन प्रक्रिया जांच कराए और हर दोषी को सजा दे।

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जांच के लिए कमेटी गठन ठीक फैसला नहीं: माहरा
तो दूसरी ओर, विधानसभा की भर्तियों की जांच के लिए कमेटी बनाए जाने के फैसले भर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा संतुष्ट नहीं है। माहरा का दो टूक कहना है कि कमेटी कानूनी रूप से नियुक्तियों की समीक्षा करेगी। फिर यह भी कहा जा सकता है कि अध्यक्ष का विशेषाधिकार था इसलिए ठीक है।


समानता के अधिकार को ताक पर रखा
बकौल माहरा, पूरा प्रदेश जानता है कि इन नियुक्तियों में नैतिकता का कतई पालन नहीं किया गया है। संविधान के समानता के अधिकार को ताक पर रखकर तमाम लोगों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों की नौकरियां लगाई हैं। उन्होंने कहा कि संविधान ने विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्तियों करने का अधिकार दिया है, लेकिन उस आर्टिकल 187 से कहीं पहले प्रत्येक देशवासी को समानता का अधिकार भी दिया गया है। यहां देखने में आ रहा है कि लोगों ने अपने रिश्ते-नातेदार, परिचितों की नौकरियां लगवा दी। संविधान की भावना के अनुसार सभी को रोजगार के लिए समानता का अधिकार नहीं दिया।

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कांग्रेस ने अपनी पूर्व सरकार के स्पीकर को भी घेरा
उत्तराखंड सरकार में नेता प्रतिपक्ष ने सत्ता पक्ष के साथ अपनी पूर्व सरकार को भी घेरा है, कहा कि अब चाहें पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल हो या प्रेमचंद अग्रवाल, या फिर कोई भी मंत्री-संतरी, तत्काल अपने करीबियों से इस्तीफे दिलवाएं और स्वयं भी राजनीतिक जीवन से संन्यास लें।