बैकडोर नियुक्ति : विधानसभा से कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट ने स्पीकर से मांगा जवाब

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नैनीताल। कॉर्बेट हलचल
विधानसभा से हटाए गए कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से 14 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

किस आधार पर बर्खास्तगी
विधानसभा से निकाले जाने के बाद कुलदीप सिंह व अन्य लोगों ने अपनी बर्खास्तगी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि विधानसभा उप सचिव 14 अक्टूबर तक स्थिति स्पष्ट करें कि किस आधार पर इन लोगों की एक साथ बर्खास्तगी की गई।

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छह साल बाद भी नियमित नहीं
उधर, याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि वर्ष 2014 तक तदर्थ रूप में नियुक्त कर्मचारियों को 4 वर्ष तक कम से कम सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई है पर उन्हें 6 वर्ष के बाद भी स्थाई नहीं किया गया अब उन्हें हटा दिया गया है जबकि नियमानुसार 6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था।

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बगैर पक्ष सुने बर्खास्तगी

याचिका में आगे कहा गया है कि बर्खास्तगी की आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें किस कारण हटाया गया है, जबकि सचिवालय में उनसे नियमित कर्मचारी की भांति काम लिया जा रहा था। याचिका में आगे कहा गया है कि विधानसभा सचिवालय में बैकडोर नियुक्तियां राज्य बनने के बाद कई बार हुई है और कई संख्या में कर्मचारी इस में नियमित भी हो चुके हैं उन्हें बर्खास्त करने से पहले सचिवालय ने उनका पक्ष नहीं सुना।
इधर इस मामले में विधानसभा की ओर से कहा गया कि इनकी नियुक्ति बैकडोर के माध्यम से हुई है और इन्हें कामचलाऊ व्यवस्था के आधार पर रखा गया था। उसी के आधार पर इन्हें हटाया गया है।

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