चन्द्रशेखर जोशी
रामनगर, जिला नैनीताल (उत्तराखंड) 23 नवम्बर। देवभूमि उत्तराखंड में अद्भुत पराक्रम प्रदर्शित करने वाले वीर सैनिकों की कमी अतीत से वर्तमान तक कभी भी नहीं रही है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत रही है कि यहां के वीर सपूतों ने अपने देश की आन-बान और शान के लिए, भारत माता की रक्षा के लिए नि:स्वार्थ भाव से अपने प्राणों की आहुति दी है।
देवभूमि उत्तराखंड के हर गांव, कस्बे और हर शहर ने ऐसे बहुत से जांबाज वीर योद्धा पैदा किए हैं, जिनकी वीरता की मिसालें सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित हैं। यही कारण है कि भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी उत्तराखंडवासियों को बड़ा आदर और सम्मान प्राप्त होता है।
उत्तराखंड का प्रत्येक निवासी अपनी देवभूमि के वीर शहीदों को हृदय से श्रद्धाभाव और आदर समर्पित करता आया है। उत्तराखंड वासियों, पूर्व सैनिकों की इन्हीं भावनाओं का उचित सम्मान हो, सभी उत्तराखंड निवासी और देश-विदेश के पर्यटक एक विशेष स्थल पर हमारे राज्य के अमर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दे सकें, श्रद्धासुमन अर्पित कर सकें, इसके लिए सरकार की ओर से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पांचवें धाम के रूप में “सैन्य धाम” की स्थापना की जा रही है। जहां पर उत्तराखंड के अब तक शहीद हुए तीनों सेनाओं (सेना, नौसेना, वायुसेना) के शहीदों के परिवारों से पवित्र रज (मिट्टी) कलश के माध्यम से एकत्रित की जा रही है।
इसी क्रम में सैनिक कल्याण विभाग उत्तराखंड की ओर से सम्मान यात्रा के पहले चरण में दिनांक 23 नवम्बर को रामनगर क्षेत्र के दो वीर शहीदों के घरों से पवित्र रज एकत्रित करने का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सर्वप्रथम गंगोत्री विहार गली नंबर 3 में सन् 1971 के भारत-पाकिस्तान में शहीद हुए कुमाऊं रेजीमेंट के नायक लीलाम्बर पाण्डे की वीरांगना श्रीमती मुन्नी देवी ने सैन्य अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को अपने घर की पवित्र मिट्टी सौंपी। उसके पश्चात ग्राम नई बस्ती, आमपोखरा में 1962 भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए पायनियर कोर के शहीद पाइनियर चेतराम की वीरांगना पुत्री मोहिनी देवी ने कलश में पवित्र रज (मिट्टी) सौंपी।
आपको बता दें कि दरअसल पूरे रामनगर क्षेत्र में मातृभूमि की रक्षा के लिए शहीद हुए वीर शहीदों की कुल संख्या 10 है जिनमें 8 शहीद परिवार अपने पैतृक गांव पहुंच कर सैन्य धाम के लिए पवित्र रज (मिट्टी) दें रहे हैं। दो परिवार स्वास्थ्य कारणों से अपने गांव नहीं जा सके थे।
इस पुनीत अवसर पर रामनगर विधानसभा विधायक दीवान सिंह बिष्ट, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कैप्टन (नेवी) आरएस धपोला, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग रामनगर अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन पोखरियाल, पूर्व सैनिक कल्याण समिति रामनगर अध्यक्ष सूबेदार मेजर कुलवंत रावत, उपाध्यक्ष सूबेदार मेजर दामोदर जोशी, सचिव व पार्षद भुवन डंगवाल, उप सचिव सूबेदार भूपाल राम, ब्लाक प्रतिनिधि रामनगर चन्द्रमोहन मनराल, कम्पनी हवलदार मेजर भारत रावत (सेना पदक*), उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग कालाढूंगी अध्यक्ष चन्द्रशेखर काण्डपाल, ब्लाक प्रतिनिधि कोटाबाग नन्दन बिष्ट, हवलदार खीम सिंह दसौनी, मंडी समिति अध्यक्ष राकेश नैनवाल, सांसद प्रतिनिधि नवीन करगेती, सांसद प्रतिनिधि इन्दर रावत, विधायक प्रतिनिधि (शिक्षा) गणेश रावत, विधायक प्रतिनिधि (मीडिया)नरेंद्र शर्मा, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र चौहान सहित काफी संख्या में पूर्व सैनिक, समाज सेवी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।


