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मेट्रोपॉलिस सिटी में फ्लैटों के सत्यापन के दौरान हुआ खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से चला रहे फर्जीबाड़े का धंधा
रुद्रपुर। कॉर्बेट हलचल
रुद्रपुर की पॉश कॉलोनी मेट्रोपोलिस सिटी में गुरुवार को सत्यापन अभियान के दौरान फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों विलियम कैरी यूनिवर्सटी शिलांग की फर्जी डिग्री निकालकर युवकों से मोटी रकम ऐंठते थे।
एक आरोपी बनबसा, दूसरा देहरादून का
जिले में अपराध रोकथाम और अपराधियों की धरपकड के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन इवनिंग स्ट्रोम अभियान के तहत गुरुवार 10 नवंबर को एसएसपी के नेतृत्व में एसपी सिटी, सीओ सिटी, सीओ पंतनगर और सी ऑपरेशन की टीमों ने रुद्रपुर की पॉश कॉलोनी मेट्रोपोलिस सिटी में सत्यापन अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस टीम ने टावर नंबर H-09 के फ्लैट नंबर-02 में चेकिंग की, तो वहां गौरव चंद पुत्र जनक बहादुर चन्द निवासी चूनाभट्टा थाना बनबसा चंपावत (उम्र 19 वर्ष) अजय कुमार पुत्र धर्मेन्द्र कुमार निवासी राजीव नगर थाना डोईवाला जिला देहरादून (उम्र 25 वर्ष) कूटरचित फर्जी मार्कशीट, डिग्री, माईग्रेशन सर्टिफिकेट और फर्जी मार्कशीट बनाने के उपकरण के साथ हिरासत में लिए गए।
कीरत ट्रेडिंग कंपनी के लिए काम करते थे आरोपी
पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए दोनो लडके आवास विकास स्थित कीरत ट्रेडिगं कंपनी के मालिक नवदीप सिंह भाटिया उर्फ पवन व उसके साथियो के साथ मिलकर विलियम कैरी यूनिवर्सिटी, शिलांग मेघालय की फर्जी मार्कशीट, डिग्री, माईग्रेशन, प्रोविजनल, ट्रांसक्रिप्ट सर्टिफिकेट आदि तैयार करते हैं। इन लोगो द्वारा संगठित रुप से अपराध किया जाता है। इनका नेटवर्क पूरे देश के अलग अलग राज्यो के विश्वविद्यालयो में भी फैला है। उत्तराखंड में नवदीप भाटिया इस गैंग का सरगना है।
यूनिवर्सिटी के कई लोगों की संदिग्ध भूमिका
उक्त गैंग में नवदीप भाटिया के साथ बनबसा के नितेश चंद और विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के विजय अग्रवाल व जितेन्द्र उर्फ सुखपाल शर्मा आदि लोगो का भी संलिप्त होना पता चला हैं। उक्त गैंग के लोग इस शर्त पर फर्जी मार्कशीट आदि बनाते है कि आवेदक केवल प्राईवेट जॉब में थर्ड पार्टी के रूप में ही फर्जी मार्कशीट व डिग्री आदि प्रयोग में लाएगें, जहां दस्तावेजो का सत्यापन नहीं होता हो। सरकारी जॉब व जहाँ पर दस्तावेजो की जाँच होती हो ऐसी बड़ी बड़ी कंपनियों में जॉब हेतु ये लोग अपनी फर्जी मार्कशीट व डिग्री आदि नहीं लगाने के लिए युवक युवतियों को पहले ही बता देते थे। जो युवक युवतियां इनकी फर्जी डिग्री के माध्यम से विदेश जाते हैं उनसे ये लोग काफी मोटी रकम वसूलते हैं तथा ऐसे लोगों की जानकारी इनके द्वारा विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के उच्च अधिकारियों को दे दी जाती हैं ताकि जब फर्जी दस्तावेजों की जाँच हो तो यूनिवर्सिटी के अधिकारी उक्त फर्जी डिग्री को सही के रूप में बेरिफाई कर दें। गैंग का सरगना नवदीप भाटिया इस काम के लिए सभी सदस्यों को अच्छा खासा हिस्सा देता हैं।
पकड़े गए दोनों लडको का मेट्रोपोलिस फ्लैट में रहना, खाना-पीना, बिजली बिल आदि सब कुछ मुफ्त था । ये लोग बीए, बीकॉम, बीएसी आदि स्नातक व परास्नातक की फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां फर्जी वेबसाइट my-onlineedu.in का उपयोग कर बनाते हैं तथा प्रत्येक डिग्री के लिए 15 से 20 हजार रुपये लेते है तथा विदेश जाने वाले लोगो से लाखो रुपये वसूलते हैं।
पुलिस को आरोपियों से बरामद मोबाईल, फोन व लैपटाप आदि काफी महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिसकी जांच की जा रही हैं। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध थाना पंतनगर में विभिन्न धाराओंमें मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों से पुलिस को यह सामान बरामद
02-03 प्रिन्टर, 03-04 स्मार्ट फोन्स, 04-01 वाई-फाई राउटर, 1- 03 लैपटॉप, 105- विभिन्न विश्वविद्यालयो की 17 मोहरे, विलियम कैरी यूनिवर्सिटी शिलांग की 5000 ब्लैक मार्कशीट
विलियम कैरी यूनिवर्सिटी की 1000 बल्क डिग्री शीट, इसी यूनिवर्सिटी की 1000 ब्लॅक माईग्रेशन शीट, इसी यूनिवर्सिटी की अलग अलग वर्ष, अलग अलग नाम, अलग अलग कोर्स की तैयार 164 मार्कशीट और तैयार 10 डिग्री बरामद हुई है।
इसी यूनिवर्सिटी की तीन माईग्रेशन सर्टिफिकेट, विभिन्न विश्वविद्यालयो के डिप्लोमा दस्तावेज, सनराईज विश्वविद्यालय राजस्थान, वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची, साईं नाथ यूनिवर्सिटी
वीबीएस पूर्वांचल यूनिवर्सटी जौनपुर की 04 अन्य मार्कशीट व डिप्लोमा दस्तावेज