जोशीमठ पर संकट : शंकराचार्य मठ में भी उभरी खतरनाक दरारें, देखें तस्वीर

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जोशीमठ। कॉर्बेट हलचल

भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में भी दरारें आ गई हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर में विराजमान रहती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नृसिंह मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए और मंदिर परिसर में आ रही दरारों का भी निरीक्षण किया।

जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ परिसर की दीवारों पर भी दरारें उभर आई हैं। फोटो – सोशल मीडिया

हालात का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शंकराचार्य की गद्दी स्थल की तस्वीरें हर किसी को तकलीफ पहुंचा रही है। जोशीमठ के धार्मिक, आध्यात्मिक और सबसे पुराने ज्योतिर्मठ की सुरक्षा के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। इस समय हम सबके सामने सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।

जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ परिसर में भी दरारें पड़ने लगी हैं। फोटो – सोशल मीडिया

एक साल से की गई अनदेखी : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ परिसर में भी दरारें पड़ने लगी हैं। फोटो – सोशल मीडिया

उच्च स्तरीय समन्वय समिति बनेगी

मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र में कराए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों के साथ विकास कार्यों की निगरानी और सुनवाई के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर और गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय समन्वय समिति बनाने के निर्देश दिए। सचिव सीएम आर मीनाक्षी सुंदर व आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार जोशीमठ में कैंप करेंगे। आपदा मानकों से हटकर सीएसआर के तहत पीड़ितों की मदद की जाएगी।

जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ परिसर की दीवारों पर भी दरारें उभर आई हैं। फोटो – सोशल मीडिया

केंद्रीय संस्थानों से सहयोग की अपील

सीएम ने आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की, सीएसआईआर, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की से जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारणों का अध्ययन एवं उपचार के समयबद्ध रिपोर्ट देने का अनुरोध किया।

जोशीमठ स्थित शंकराचार्य मठ परिसर की दीवारों पर दरारें चिंतित करने वाली हैं। फोटो – सोशल मीडिया

आरोप-प्रत्यारोप छोड़ मिलकर करें काम

सीएम ने कहा कि संकट की इस घड़ी में आरोप-प्रत्यारोप से हटकर एक साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों में रहने की समुचित व्यवस्था की जाए। राहत शिविरों में चिकित्सा उपचार की भी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहें।

ड्राई राशन किट उपलब्ध करा रहे : डीएम

चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि सभी सेक्टर अफसरों को तैनात कर दिया गया है। सभी वार्डों में सर्वेक्षण कार्यों को पूरा किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक शेल्टर भवनों में शिफ्ट करने और प्रभावितों के लिए सभी व्यवस्थाएं हो रही हैं। प्रभावित परिवारों को ड्राईराशन किट व पके भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है। त्कालिक रूप से जरूरी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

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