नाराजगी……
बोले, दो महीने तक टिप्पणी नहींं करना चाहता था, आहत होने से चुप्पी तोड़ी
कांग्रेस के समय में खड़ी भर्ती संस्थाओं में अब गड़बड़ी होना चिंताजनक
हल्द्वानी। कॉर्बेट हलचल
भर्तियों में गड़बड़ियों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुप्पी तोड़ी है। रविवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स में लिखा है कि वे भर्तियों को लेकर दो महीने तक कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते थे। मगर कांग्रेस के समय में स्थापित संस्थाओं में नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत चिंताजनक है।
नियुक्तियों का ब्योरा सार्वजनिक करें
हरीश रावत ने सभी भर्ती संस्थाओं के प्रमुखों से अपील की कि वे नियुक्तियों का ब्योरा सार्वजनिक करें। सोशल मीडिया अकाउंट में पूर्व सीएम ने लिखा है कि, ‘भावनाएं व्रत तुड़वा देती हैं। उन्होंने कहा था कि वे भर्तियों को लेकर 2 माह तक कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के विवेक पर उन्हें भरोसा था।
संस्थाएं हमने खड़ी की, अब गड़बड़ी होना गलत
पूर्व सीएम रावत ने कहा कि ऐसी लिस्टें आ रही हैं, कितनी सच हैं, कितनी गलत हैं, वे नहीं जानते। लेकिन समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब कैसे हुआ है।’ रावत आगे लिखते हैं कि ‘संस्थाएं हमने (कांग्रेस) खड़ी की हैं, चाहे कोई भी विश्वविद्यालय हो। उनमें यदि गड़बड़ियां हुई हैं तो चिंताजनक है। संस्थाएं नष्ट हो जाएंगी। वे तू-तू, मैं-मैं में नहीं पड़ना चाहते हैं।
संस्था के टूटने से राज्य को नुकसान
रावत ने लिखा कि ‘वे व्रत नहीं तोड़ते, यदि उनके मन पर आघात नहीं लगता। क्योंकि यह संस्थाएं कांग्रेस के कार्यकाल में खड़ी हुई हैं। हम इन संस्थाओं पर गर्व करना चाहते हैं। जब संस्थाएं टूटती व बिखरती हैं तो उसका कितना नुकसान समाज व राज्य को होता है, इसका आभास हमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुई गड़बड़ी से हुआ है न? फिर भी कुछ लोग उनके दर्द को समझे बिना बुरा-भला कह रहे हैं।’ अंत में पूर्व सीएम ने लिखा कि ‘खैर विष पीने की उनकी आदत है, वो कहें तो विष भी पी लेंगे। लेकिन अब इन संस्थाओं को बचाने के लिए अपने दर्द को वे नहीं रोक पाए, उसके लिए वे उत्तराखंड से क्षमा ही मांग सकते हैं।