अल्मोड़ा। कॉर्बेट हलचल
शहर का एक अभागा व्यक्ति बेटी के शादी नजदीक आने पर भी उसे डोली में विदा करने की हसरत पूरी नहीं कर सका। मेंहदी की रस्म के बीच मेहमानों के साथ नाच रहे दुल्हन के पिता को दिल का दौरा पड़ गया और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। बेटी को शादी के जोड़े में देखने की उसके सपने काल ने छीन लिए।
अल्मोड़ा के धारानौला क्षेत्र में यह दुखद घटना सामने आई है। क्षेत्र निवासी चंद्रशेखर लोहनी (61) की बेटी का विवाह हल्द्वानी के एक बरातघर में रविवार को होना था। पिता ने बेटी के विवाह की सभी तैयारियां पूरी कीं। विवाह से एक दिन पूर्व शनिवार को घर में मेहंदी की रस्म निभाई जा रही थी। शाम होते ही गाना-डांस कार्यक्रम शुरू हुआ। सभी मेहमानों के साथ पिता भी बेटी को हंसी-खुशी विदा करने की हसरत लिए नाच रहे थे लेकिन इसी बीच अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। परिजनों ने उन्हें बेस अस्पताल पहुंचाया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
वैवाहिक कार्यक्रम में खलल न पड़े, इसके लिए उनकी मौत की खबर परिजनों को नहीं दी गई। दूसरे दिन रविवार सुबह मामा दुल्हन को लेकर हल्द्वानी गए और रात में विवाह की रम्में पूरी कीं। लेकिन जिस घर में तीन दिन पूर्व विवाह की रौनक थी वहां अब सन्नाटा पसरा है। उनकी मौत पर परिजनों में कोहराम है।
बेटी को तीसरे दिन पता चला, पिता नहीं रहे
वैवाहिक कार्यक्रमों में किसी तरह का विघ्न न पड़े इसके लिए घर के मुखिया की मौत की सूचना दुल्हन समेत अन्य रिश्तेदारों को नहीं दी गई। दुल्हन की मां को भी इसकी सूचना नहीं दी गई। वह बेटी के विवाह में हल्द्वानी नहीं जा सकीं और अपने पति की सुरक्षित वापसी का इंतजार घर पर ही करती रही। मामा-मामी ने उसका कन्यादान किया। सोमवार सुबह विदाई के बाद सबको दुल्हन के पिता की मौत की सूचना मिली। दुल्हन को भी तीसरे दिन अपने पिता की मौत की जानकारी मिली और उसने रोते-बिलखते विदाई ली।
सोमवार को हुआ अंतिम संस्कार
बेस अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक चंद्रशेखर लोहनी की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। लेकिन उनके साथ आए लोगों ने बेटी के वैवाहिक कार्यक्रम को देखते हुए शव अस्पताल में ही रखने की बात कही। अस्पताल प्रबंधन ने सभी की मजबूरी देखते हुए शव दो दिनों के लिए मोर्चरी में रखा। सोमवार सुबह शव परिजनों को सौपा गया। इसके बाद विश्वनाथ श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही चंद्रशेखर लोहनी की मौत हो गई थी। बेटी के विवाह के चलते शव दो दिन तक मोर्चरी में रखा गया। सोमवार को शव परिजनों को सौंप दिया गया। शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई। – डॉ. अनिल पांडे, बेस अस्पताल, अल्मोड़ा।