सल्ट (अल्मोड़ा)। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ में यह अब भी पटरी पर नहीं आ रही। ताजा मामला सल्ट के गांव रिवाली का है, जहां गांव से ढाई किमी दूर सड़क पर लाकर भी प्रसव पीड़िता के लिए एंबुलेंस नहीं पहुंची। चार घंटे बाद गर्भवती सड़क किनारे ही प्रसव के लिए मजबूर हुई।
जानकारी के अनुसार बीते बुधवार सुबह सल्ट के ग्राम सभा रिवाली में विनोद सिंह की पत्नी 27 वर्षीय संगीता को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर ग्रामीणों ने प्रसव पीड़िता को चारपाई के जरिए करीब ढाई किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया।
महिला के पति विनोद सिंह के मुताबिक उन्होंने सुबह साढ़े आठ बजे 108 सेवा को फोन कर प्रसव पीड़िता को सीएचसी देवायल ले जाने का आग्रह किया था। लेकिन दोपहर 12 बजे तक 108 सेवा नहीं पहुंच सकी। इसी दौरान संगीता को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। मौके पर मौजूद दायी गोदी देवी और विमला ने सड़क किनारे ही संगीता का प्रसव कराया। संगीता ने बेटी को जन्म दिया है।
ग्रामीणों के अनुसार महिला के साथ आशा वर्कर भी साथ नहीं थी इससे साफ जाहिर होता है प्रदेश में किस तरीके से स्वास्थ्य व्यवस्था लचर होती जा रही है। जहां स्वास्थ्य विभाग पर लाखों रुपए खर्च का बजट खर्च किया जाता है वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था के हाल दिन पर दिन भगवान भरोसे होती जा रही है।