शहर में दरारों के चलते असुरक्षित भवनों की संख्या 678 पहुंची
जोशीमठ। कॉर्बेट हलचल
भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे भी खतरे की जद में है। स्थिति यह है कि रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए क्षेत्र में है जिसके चलते रोपवे को लेकर भी आशंकाएं तेज हो गई हैं।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से जोशीमठ-औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने जहां चार वार्डो को असुरक्षित घोषित किया है उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है। फिलहाल टावर जिस खेत में स्थित है वहां दरार नहीं आई है।
दरार वाला खेत कुछ दूर है। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने रोपवे का संचालन बंद किया हुआ है। बता दें कि जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है जिसमें 10 टावर लगे हैं। रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है।
जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को 75 भवन और चिह्नित किए गए। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों की टीम ने इन भवनों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया है।
अब प्रशासन के सामने जल्द इन घरों को खाली कराने की है, ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। सोमवार को 13 परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर आसरा दिया गया। शहर में स्थित 12,398 घरों में से अब तक 678 घरों में दरारें दस्तक दे चुकी हैं। उधर, प्रशासन की टीम उन घरों को चिह्नित करने के काम में लगी है, जो रहने के लिहाज से पूरी तरह से असुरक्षित हैं। शासन ने अगले दो दिनों में सर्वे कर इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
अभी तक 81 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है। इनमें 68 परिवार रविवार तक विस्थापित कर दिए गए थे, जबकि 13 परिवारों को सोमवार को विस्थापित किया। इधर, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
इन भवनों में आई हैं दरारें
वार्ड का नाम भवनों की संख्या
गांधीनगर 134
पालिका मारवारी 35
लोवर बाजार 31
सिंहधार 72
मनोहरबाग 101
अपर बाजार 36
सुनील 53
परसारी 55
रविग्राम 161
कुल 678
यहां ठहराया गया है विस्थापित परिवारों को
अस्थायी निवास परिवारों की संख्या
नगर पालिका परिसर 18
प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ 04
गुरुद्वारा जोशीमठ 09
सिंचाई विभाग कॉलोनी 01
टूरिस्ट हॉस्टल, मनोहरबाग 02
राजीव गांधी आ. वि. 01
प्राथमिक विद्यालय सिंहधार 03
होटल शैलजा 03
होटल श्रीमन पैलेस 05
विवेक लॉज 03
होटल सैफायर 02
होटल द्रोणगिरी 07
काली कमली धर्मशाला 04
होटल तथास्तु 06
अन्य भवनों में/रिश्तेदारों के यहां-13
कुल – 81
अभी तक आपदा प्रभावित क्षेत्र में कुल 678 घर चिह्नित किए गए हैं, जिनमें दरारें आई हैं। इनमें से 81 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए कि किसी भी सूरत में एक भी परिवार असुरक्षित भवन में नहीं रहना चाहिए, ताकि लोगों के जानमाल की सुरक्षा की जा सके।
– डॉ. रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग