केदारनाथ यात्रा : महिला समूहों ने किया 48 लाख रुपये का कारोबार

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बाबा का आशीर्वाद…
– केदारनाथ प्रसाद से ही लगभग 44 लाख का व्यवसाय
– यात्रा से मिला 100 से अधिक महिलाओं को सीधा काम

रुद्रप्रयाग। कॉर्बेट हलचल
कोरोना महामारी के दो साल बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से यात्रा के सुचारु होने का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकाॅर्ड 15.63 लाख से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ धाम पहुंचकर इस इंतजार को समाप्त किया। रूद्रप्रयाग जिले में महिला समूहों के व्यवसाय को भी यात्रा से नई ऊंचाइयां मिली। यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष करीब 48 लाख रुपए का व्यापार किया।

यात्रा बनी आत्मनिर्भरता का आधार
रुद्रप्रयाग जिले में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे चलाने के साथ अन्य उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। महिलाएं स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं।

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प्रसाद के जरिए महिला समूहों पर बरसी बाबा की कृपा
श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। अर्जुन ने बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चैलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचते है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, इसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को राॅयल्टी दी जाती है। उधर एनआरएलएम के ब्लाॅक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान आॅनलाइन एवं आॅफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 हजार रुपए का कारोबार किया है।

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रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा
केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चैलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों मेें उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चैलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई खरीदते हैं। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।

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सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र को मिली नई पहचान
श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र की शुरुआत इसी यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां चला रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों हेतु रणनीति तैयार की जाएंगी। उधर सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया। 

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