रचनात्मकता, गुणात्मकता व सकारात्मकता के साथ कार्य करे मीडियाः  ऋतु खण्डूरी

ख़बर शेयर करें -

देहरादून। देश के शीर्ष पत्रकार संगठनों ऑल इण्डिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन, अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन व इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस-एन-मीडियामैन द्वारा आज हरिद्वार रोड़ स्थित अथिति भवन में ‘सामाजिक सदभाव बढ़ाने में मीडिया की भूमिका’ विषयक संयुक्त मीडिया सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूरी भूषण ने कहा कि सामाजिक सौहार्द बढ़ाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में तथ्यपरक खबरों व सकारात्मक दृष्टिकोण से मीडिया ही सामाजिक सदभाव को अक्षुण बनाये रख सकता है। विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती खण्डूरी ने कहा कि इस अवसर पर कहा कि मीडिया को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्य निर्वहन की आवश्यकता है विशेषतः सोशियल मीडिया को नकारात्मक व भ्रामक खबरे नहीं फैलानी चहिए। मीडिया को रचनात्मकता, गुणात्मकता व सकारात्मकता के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता के स्तर को ऊंचा उठाने व युवा वर्ग को अखबारों की ओर आकर्षित करने पर भी बल दिया।

यह भी पढ़ें 👉  प्रशासनिक फेरबदल: कौस्तुभ मिश्र बने अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व, गौरव पाण्डे और तुषार सैनी ने भी लिया कार्यभार।

इस अवसर पर ऑल इण्डिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरिंदर सिंह ने कहा कि वर्तमान के बदलते दौर से अधिकांश छोटे व मझौले समाचार पत्र भयावह संकट के दौर से गुजर रहे है जबकि यह शास्वत सत्य है कि वह आम जनमानस की शसक्त आवाज है और लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी है। आज सरकार इन्हे आत्म निर्भरता का पाठ पढा रही है जबकि याद रखना चाहिए कि अखबारों का प्रकाशक कोई व्यवसाय नहीं है। सरकार ने पिछले वर्षों में अखबारों का गला घोटने का जो कार्य किया है वह स्वस्थ लोकतंत्र में अच्छी परम्परा नहीं कहा जा सकता।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में आंगनबाड़ी पदों पर बड़ी नियुक्तियां, सशक्त बनी महिला सेवा

अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसियशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश चंद्र शुक्ल ने कहा कि सामाजिक सौहार्द, सद्भाव व समरसता को कायम रखने का मीडिया ही एकमात्र सबसे उचित सशक्त माध्यम है। सरकार को विशेषतः लघु व मझोले समाचार पत्रों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस एंड मीडियामैन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सहयोगी ने कहा कि आज कस्बों, जनपदों व ग्रामीण अंचल के क्षेत्रों में पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को मुख्य धारा में जोडने की आवश्यकता है। यह पत्रकार बिना किसी सुविधा व प्रेस मान्यता जैसी जरूरतों के बिना जमीनी स्तर पर पत्रकारिता कार्य कर रहे है। सरकारों को बडे शहरो, राजधानी के पत्रकारों को सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ इन पत्रकारों को भी सुविधा देने की नीति बनानी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर मे हुए हत्याकांड के एक और आरोपी को पुलिस ने चोरपानी से किया गिरफ्तार

उत्तराखण्ड के राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि प्रिंट मीडिया को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा तभी प्रिंट मीडिया का अस्तित्व बच सकता है। वहीं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य एल. सी. भारती ने कहा कि सरकारों को आलोचना से विचलित नहीं होना चाहिए। आज सरकारें आईना दिखाये जाने पर आग बबूला हो जाती है। उन्हे ऐसा करने से बचना चाहिए। कार्यक्रम को सर्व श्री दिनेश शक्ति त्रिखा, डीडी मित्तल, महेश शर्मा, नरेन्द्र शर्मा परवाना आदि भी सम्बोधित किया थे।

Ad_RCHMCT