‘कुंवर’ से ‘राजा’ बन गए प्रणव सिंह, पत्नी का टाइटल ‘बिष्ट’ किया

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खानपुर के पूर्व विधायक और बीजेपी नेता प्रणव सिंह ने अपने नाम में और अपनी पत्नी के उपनाम में बदलाव किए हैं।


अब प्रणव सिंह ने अपने नाम के आगे से ‘कुंवर’ हटा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने नाम के आगे अब ‘राजा’ लगा लिया है। यही नहीं उन्होंने अपने नाम से ‘चैंपियन’ हटा कर ‘लंढौरा’ लगा लिया है। अब इस बदलाव के बाद प्रणव सिंह का नाम राजा प्रणव सिंह लंढौरा हो गया है।


प्रणव सिंह ने अपनी पत्नी के उपनाम में भी बदलाव किए हैं। अभी तक प्रणव सिंह की पत्नी का नाम कुंवरानी देवयानी सिंह लिखा जाता था। अब उनका नया नाम रानी देवयानी बिष्ट होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रणव सिंह का कहना है कि उनकी दादी गढ़वाल के बिष्ट राजपूत परिवार से आती हैं। ऐसे में मातृ शक्ति को पहचान देने के लिए उनके खानदान का जिक्र किया गया है।

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वहीं इस बदलाव के बाद उनको लेकर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी भी की। इसके बाद प्रणव सिंह ने फिर एक बार अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इसके बारे में स्पष्टीकरण दिया। प्रणव सिंह ने लिखा है,

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देखा कि हमारे द्वारा अपने आज के पोस्ट पर दिये गये “ऐतिहासिक वृतांत” को “बग़ैर अध्ययन व मनन” किए ही बहुत से साथियों द्वारा प्रतिक्रिया दी जा रही हैं , जो अव्यवहारिक प्रतीत हो रहा है


बड़े ही विनम्र भाव से अवगत करा रहे हैं एक महत्वपूर्ण तथ्य को , जिससे आप में से 99% अनभिज्ञ होंगे। जो राज परिवार होते हैं , वो Martial Caste से होते हैं
वीर-गुर्जर
राजपूत
जाट
और इन तीनों में , आपस में “वैवाहिक रिश्ते” होते आये हैं।हमारी दादीजी स्वयं उत्तराखण्ड के गढ़वाल से “बिष्ट राजपूत” थीं

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विख्यात राजनैतिक व्यक्तित्व “राजा भैया” राजा रघुराज प्रताप सिंह जी , जो वरिष्ठ राजपूत नेता हैं , हमारे भांजे हैं


राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री महारानी वसुंधरा राजे जी मराठा क्षत्रिय एक जाट रियासत धौलपुर की महारानी हैं , जिनकी पुत्रवधू कुँवरनी निहारिका जी वीर-गुर्जर , “हमारी भतीजी” हैं


महाराज भरतपुर विश्वेन्द्र जी , जाट समाज से हैं और महारानी दिव्या जी “हमारी भांजी” हैं
मित्रों
कर-बद्ध निवेदन है , कृपया उसको पूरा पढ़ें , समझें , और उसके उपरांत ही कोई “आधारभूत टिप्पणी करें , निराधार नहीं

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