गरीबी से आत्मनिर्भरता तक का सफर, प्रेरणा बनीं रीता देवी

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नैनीताल: भीमताल विकासखंड के भूमियाधार गांव की रहने वाली रीता देवी ने अपने हौसले और ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की मदद से आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक कहानी लिखी है। पति के निधन के बाद जीवनयापन के लिए मजदूरी पर निर्भर रीता देवी आज मुर्गी पालन व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर हैं।

साल 2020 में रीता देवी के पति का निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण किया। लेकिन ग्रामोत्थान परियोजना के तहत अल्ट्रा पुअर गतिविधि में चयनित होने के बाद उनके जीवन में एक नया मोड़ आया।

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परियोजना के तहत रीता देवी को ₹35,000 की ब्याज रहित आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे उन्होंने मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू किया। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम यह रहा कि आज उनके पास अच्छी संख्या में मुर्गियाँ हैं, जिनसे वे अब तक ₹18,000 से ₹22,000 तक की आमदनी अर्जित कर चुकी हैं। इसके अतिरिक्त वे प्रतिदिन 10–12 अंडे बेचकर नियमित आमदनी भी प्राप्त कर रही हैं।

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मुर्गी पालन ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत किया, बल्कि पशुधन और उद्यमिता के क्षेत्र में उन्हें नया अनुभव भी दिया। आज रीता देवी अपने परिवार की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा कर पा रही हैं और ग्रामोत्थान परियोजना के प्रति आभार व्यक्त करती हैं, जिसने उनके जीवन को नई दिशा दी।

शिवानी पांडे, सहायक – ज्ञान प्रबंधन/आई.टी., ग्रामोत्थान नैनीताल के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024–2025 में अल्ट्रा पुअर पैकेज गतिविधि के तहत 400 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। प्रत्येक चयनित लाभार्थी को ₹35,000 की ब्याज रहित ऋण सहायता दी जाती है ताकि वे अपने आजीविका उद्यम की शुरुआत बिना किसी वित्तीय दबाव के कर सकें।

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रीता देवी की यह कहानी न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि सही सहायता और मार्गदर्शन मिलने पर ग्रामीण महिलाएं भी सफल उद्यमी बन सकती हैं। ग्रामोत्थान परियोजना आजीविका के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभा रही है।