पिथौरागढ़। कार्बेट हलचल
उत्तराखंड में गुरुवार को मौसम ने फिर करवट बदली। प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जमकर हिमपात हुआ। शाम तक मुनस्यारी और धारचूला की ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढक गईं। वहीं, हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली में भी बर्फबारी हुई। उधर, दारमा और व्यास घाटी भी बर्फ की सफेद चादर में लिपटी नजर आईं।
सीमांत इलाकों में ठंड बढ़ी
पिथौरागढ़ में सुबह आसमान साफ था। दिन भर तेज धूप खिली रही। शाम को अचानक मौसम बदला। बर्फबारी होने के साथ ही जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ सहित अन्य हिस्सों में बूंदा बांदी भी हुई। जिससे सीमांत इलाकों में ठंड भी बढ़ गई है।
चीन सीमा से सटे इलाकों में बुधवार रात से हिमपात
चीन सीमा पर गुंजी व दारमा और व्यास घाटी के इलाकों में बुधवार देर रात से लगातार बर्फबारी हो रही है। दोनों घाटियों की अंतिम चौकियों में तापमान माइनस 11 डिग्री पहुंच गया है। जिससे ठंड काफी बढ़ गई है। वहीं, सीमांत के लोगो की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।
दारमा में एक फीट तक बर्फ गिरी
दारमा घाटी के 14 गांव और व्यास घाटी के सात गांव में अभी कुछ परिवार गांव में ही रह रहे हैं। रोकांग प्रधान अंजू रोंकली और गुंजी सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया कि बुधवर रात से लगातार बर्फबारी हो रही है। गांव में लगभग छह इंच और चोटियों में एक फीट से अधिक बर्फबारी हुई है।
15 नवंबर से पंचाचूली का बेस कैंप बंद
वहीं, ग्राम प्रधान जमन दताल ने बताया कि दारमा घाटी के दुग्तु सहित अन्य गांवो में छह इंच बर्फ जमी है। पंचाचूली बेस कैंप संचालन गणेश दुग्ताल ने बताया कि 15 नवम्बर के बाद बेस कैंप बंद हो जाएगा।
अंतिम सीमा चौकी में छठा हिमपात
15 नवंबर के बाद 15 हजार फीट की ऊंचाई वाले इलाकों से सुरक्षा बल के जवान और ग्रामीण भी निचली घाटी की और आ जाएंगे। बता दें कि इस सीजन में अब तक अंतिम चौकियों में छठवीं और गांव में चौथी बार हिमपात हो चुका है।