राजौरी के पास नकाबपोश आतंकियों ने की फायरिंग, आज राजौरी बंद का आह्वान
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नए साल के पहले दिन आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग को अंजाम देकर घाटी में माहौल खराब करने की कोशिश की। रविवार शाम सात बजे नकाबपोश दो आतंकियों ने नियंत्रण रेखा से सटे राजोरी जिले के डांगरी गांव में अंधाधुंध फायरिंग कर हिन्दू समुदाय के चार लोगों की हत्या कर दी। छह लोग घायल हुए हैं, जिनमें तीन की हालत गंभीर है।
घायलों को एयरलिफ्ट कर जम्मू स्थित जीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया है। लश्कर-ए-ताइबा के जुड़े संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। सेना और पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
तीन घरों को निशाना बनाया
मृतकों की पहचान दीपक कुमार (23), पूर्व सैनिक सतीश कुमार (45), शिवपाल उर्फ आशीश कुमार (32) और प्रीतम लाल (56) के रूप में हुई है। ये सभी डांगरी के रहने वाले और आपस में रिश्तेदार हैं। डांगरी राजोरी से करीब आठ किलोमीटर दूर है। जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा, अपर डांगरी गांव में दो हथियारबंद लोगों ने नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। तीन घरों को निशाना बनाकर फायरिंग की गई जो एक दूसरे से 50 मीटर दूर हैं।
आधार कार्ड दिखाने को कहा
चश्मदीदों के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी रविवार शाम 7 बजे पहले एक घर में घुसे और सदस्यों के आधार कार्ड देखने के बाद फायरिंग शुरू कर दी। उसके बाद आतंकी एक-एक कर आसपास के दो अन्य घरों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें राजोरी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महमूद ने कहा, तीन लोगों ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि घायलों को कई गोलियां लगी हैं। बाद में एक और घायल ने दम तोड़ दिया। तीन घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, जबकि तीन को जम्मू शिफ्ट किया गया है।
आतंकियों ने पहने थे मास्क
हमले में मारे गए सतीश कुमार के भाई संजय कुमार ने बताया कि दो नकाबपोश आतंकियों ने मुंह पर लाल रंग का मास्क पहना था। सबसे पहले उन्होंने आधार कार्ड देखे। पहचान होने के बाद उन्होंने पहले एक घर को निशाना बनाया और फिर आसपास के दो और घरों की तरफ अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए भाग गए।
स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया
डांगरी के सरपंच धीरज शर्मा ने बताया कि गांव के बीचोबीच आतंकियों ने लोगों की पहचान कर हमला किया गया। स्थानीय लोग ही घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे। उन्होंने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बताया। उन्होंने कहा कि खतरे की आशंका पहले से ही थी और जिले के कुछ इलाकों में तलाशी भी ली गई थी।
राजोरी अस्पताल में प्रदर्शन
घटना के विरोध में राजोरी अस्पताल में लोगों ने प्रदर्शन किया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि लगातार खतरे के बाद भी जिला प्रशासन ने विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) के सदस्यों के हथियार वापस ले लिए हैं। उन्होंने मौके पर मौजूद अतिरिक्त जिलाधिकारी का घेराव किया। वे जिलाधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। घटना के विरोध में सोमवार को राजोरी बंद का आह्वान किया गया है।