सड़कों पर भीख मांगकर गुजारा कर रहा बच्चा करोड़पति निकला

ख़बर शेयर करें -

पिरान कलियर (हरिद्वार)। कॉर्बेट हलचल

मां की मौत के बाद दो वक्त की रोटी के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर दस साल का बच्चा करोड़ों का मालिक निकला। दरअसल, उसके दादा ने मरने से पहले अपनी आधी जायदाद उसके नाम कर दी थी। वसीयत लिखे जाने के बाद से परिजन उसे ढूंढ रहे थे। कलियर में सड़कों पर घूमते वक्त गांव के एक युवक ने उस बच्चे को पहचान लिया। गुरुवार को बच्चे के परिजन उसे अपने साथ घर ले गए। बच्चे के नाम गांव में पुश्तैनी मकान और पांच बीघा जमीन है।

यूपी के जिला सहारनपुर के गांव पंडोली में रहने वाली इमराना पति मोहम्मद नावेद के निधन के बाद 2019 में अपने ससुराल वालों से नाराज होकर मायके यमुनानगर चली गई थी। तब उसके साथ सात साल का बेटा शाहजेब भी था।

यह भी पढ़ें 👉  सरोवर नगरी के इन स्थलों में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं छात्राएं

कोरोना ने छीन लिया मां का आंचल

ससुराल पक्ष ने इमराना को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। वह बच्चे को लेकर कलियर आ गई। परिजनों ने काफी ढूंढा लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस बीच कोरोना महामारी आई तो लॉकडाउन लग गया। इसी महामारी में मां इमराना का साया भी मासूम शाहजेब के सिर से उठ गया।

लावारिस जिंदगी जी रहा था शाहजेब

तब से शाहजेब कलियर में लावारिस जिंदगी जी रहा था। चाय व अन्य दुकानों पर काम करने के साथ ही पेट भरने को वह सड़क पर भीख भी मांगने को मजबूर था। उसके सबसे छोटे दादा शाहआलम का परिवार अब उसे सहारनपुर ले गया है।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर-उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग 'समूह-ग) सेवा (सामान्य शाखा एवं महिला शाखा) परीक्षा-2024 को लेकर अपडेट, पढ़े

ऐसा मिला मासूम
मासूम की फोटो परिजनों ने व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल साइट्स पर अपलोड कर तलाशने वाले को इनाम का एलान किया था। दूर का एक रिश्तेदार मोबिन कलियर आया था। बाजार में घूमते वक्त उसकी नजर शाहजेब पर पड़ी तो उसने वायरल फोटो से उसके चेहरे का मिलान किया। पूछने पर शाहजेब ने अपना और मां के नाम के साथ गांव का नाम सही बताया तो मोबिन ने उसके परिजनों को सूचित किया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड से मिला सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार

दादा को उम्मीद थी…मिलेगा पोता, दी थी आधी जायदाद
पहले बहू का घर छोड़कर जाना और उसके बाद बेटे की मौत से दादा मोहम्मद याकूब सदमे में थे। हिमाचल में एक स्कूल से रिटायर याकूब की करीब दो साल पहले मौत हो चुकी है। उनके दो बेटों में से नावेद का निधन हो चुका, जिनके बेटे का नाम शाहजेब है। दूसरे बेटे जावेद का परिवार सहारनपुर में ही रहता है। दादा ने अपनी वसीयत में लिखा था कि जब कभी भी मेरा पोता वापस आए तो उसे आधी जायदाद सौंप दी जाए।

Happy Diwali
Happy Diwali
Happy Diwali
Shubh Diwali