घोषणा ….
विजयादशमी पर चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि घोषित
गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर, यमुनोत्री के 27 अक्टूबर को बंद होंगे
बदरीनाथ/उखीमठ/उत्तरकाशी। कॉर्बेट हलचल
श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। जबकि श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। श्रीगंगोत्री धाम के कपाट गोवर्धन पूजा के दिन 26 अक्टूबर और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 27 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। श्रीहेमकुंड साहिब लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो रहे है।
विश्व प्रसिद्ध श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि बुधवार विजयदशमी पर पंचाग गणना के बाद तय हुई। इससे पूर्व मंदिर परिसर मैं नवरात्रि के दौरान नौ दिन तक मां उर्वशी पूजा संपन्न हुई, जिसका आज दशमी में समापन हुआ। बदरी केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने कपाट बंद होने की तिथि 19 नवंबर घोषित की। इस अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था।
पंच पूजाओं का कार्यक्रम
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना के बाद श्री गणेशजी के कपाट बंद हो जायेंगे। 16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, 17 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा। 18 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग लगाया जायेगा तथा 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित करेंगे और श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। 20 नवंबर को देवडोलियां श्री बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेंगी। इसी के साथ श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जायेगा तथा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी।
कपाट बंद होने की तिथि तय होने के अवसर पर मंदिर समिति की ओर से हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गयी मेहता थोक से रवीन्द्र मेहता, गोविन्द भट्ट, भंडारी थोक से अनूप भंडारी, गोविंद पंवार को अगले यात्रा काल की भंडार व्यवस्था हेतु यह पगड़ी भेंट की गयी।
श्रीकेदारनाथ धाम का कार्यक्रम
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाये शुरू हो जायेंगी।
श्रीगंगोत्री मंदिर
श्रीगंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट/गोवर्धन पूजा के दिन 26 अक्टूबर दोपहर को बंद हो जायेंगे। उसी दिन मां गंगा की डोली गंगोत्री से देवी मंदिर मुखीमठ ( मुखवा) प्रस्थान करेगी। बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की घोषणा विधिवत की गयी इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, दिनेश सेमवाल, महेश सेमवाल मौजूद रहे।
श्रीयमुनोत्री धाम
यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज 27 अक्टूबर को बंद होगे। मां यमुना की उत्सव डोली इसी दिन शीतकालीन गद्दीस्थल खुशीमठ (खरसाली) के लिए प्रस्थान करेगी। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वरजी के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे तथा 21 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।
श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली 21 नवंबर को श्रीओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। तृतीय केदारनाथ तुंगनाथजी के कपाट 7 नवंबर को बंद होंगे। इसी दिन श्रीतुंगनाथ जी की उत्सव डोली चोपता पहुंचेगी, भनकुन, भूतनाथ होते हुए उत्सव डोली श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी। चतुर्थ केदार श्रीरूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर शायंकाल 5.13 बजे बंद होंगे।
श्रीहेमकुंड साहिब
गुरूद्वारा हेमकुंड ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह विंद्रा तथा सरदार सेवा सिंह ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब तथा लोकपाल तीर्थ के कपाट शीतकाल के लिए 10 अक्टूवर को बंद हो रहे है।
14 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे श्रीबद्रीनाथ धाम
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने से अभी तक 1453549 तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम, 1339477 तीर्थयात्री केदारनाथ, 458701 तीर्थयात्री यमुनोत्री तथा 483096 तीर्थयात्री गंगोत्री धाम पहुंचे है। अभी तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 3834823( अड़तीस लाख चौतीस हजार आठ सौ तेईस) हो गयी है। गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब से प्राप्त जानकारी के अनुसार सवा दो लाख यात्री हेमकुंट साहिब के दर्शन कर चुके है।