गुड़गांव, मुंबई की नौकरी छोड़ गांव से निकाला तरक्की पथ

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अपनी मिट्टी अपना कारोबार….

गणेश दत्त तिवारी ने पिथौरागढ़ तक फैलाया अपना कारोबार
जैविक खेती से शुरू करके पर्यटन उद्यमी बने चंदशेखर पांडे

बागेश्वर। कॉर्बेट हलचल
बागेश्वर जिले में यूं तो कई ऐसे उद्यमी हैं जिन्होंने अपनी मिट्टी से ही  “सोना” पैदा करके दिखाया है। लेकिन हम यहां दो ऐसे नामों का जिक्र कर रहे हैं जिन्होंने गुड़गांव और मुंबई की नौकरियां छोड़कर अपने गरुड़ में उद्यम खड़ा कर दिया है। पंद्रह ₹20000 की नौकरी के लिए दिल्ली मुंबई की ओर भागने वाले युवा गणेश दत्त तिवारी और चंद्रशेखर पांडे से प्रेरणा ले सकते हैं।


नौकरी करने वाले तिवारी आठ लोगों को दे रहे नौकरी
25 साल गुड़गॉव की सिलार्इ फैक्ट्री में काम करने वाले बैजनाथ अयारतोली के गणेश दत्त तिवारी की सिलाई फैक्ट्री में गुरुवार को जिलाधिकारी रीना जोशी पहुंची। जी-स्पोट्र्स के नाम से स्कूल ड्रेस, ट्रैकसूट की सिलार्इ कार्य करने वाले तिवारी ने बताया कि गुड़गांव से लौटकर उन्होंने गरूड़ में एक मशीन से सिलार्इ कार्य शुरू किया। बाद में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत 2015-16 में 10 लाख ऋण लेकर सिलार्इ फैक्ट्री शुरू की। आज तिवारी की सिलार्इ फैक्ट्री में 08 सिलार्इ मशीने है जिनमें उन्होंने 8 कारीगरों को रोजगार भी दिया है।

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गांव में 30 से ₹40000 प्रतिमाह का लाभ ले रहे
गणेश दत्त तिवारी ने बताया कि वे गरूड़, बागेश्वर, बेरीनाग, पिथौरागढ़ के कर्इ स्कूलों के लिए वह ड्रेस व ट्रैकसूट बनाते है व स्पोट्स के भी उन्हें ऑर्डर मिलते है। अयारतोली में सिलार्इ फैक्ट्री के साथ ही उनकी एक दुकान टीट बाजार गरूड़ में ट्रैक सूट और स्कूल यूनिफार्म की दुकान है। आज वे 30 से 40 हजार प्रतिमाह लाभ अर्जित कर रहे है।


जैविक खेती ने चंद्रशेखर को बनाया उद्यमी
इसके बाद जिलाधिकारी प्रगतिशील काश्तकार एवं उद्यमी चौरसों निवासी चन्द्रशेखर पाण्डे के आउटलेट हिम नैचुरल जैविक उत्पादन पहुंची पहुंचीं। पाण्डे पहले मुम्बर्इ में रह कर नौकरी करते थे। वहॉ से लौटकर अपने गांव चौरसों में उन्होंने जैविक खेती शुरू की। इसमें उन्होंने धीरे-धीरे पहाड़ी अनाज, दालें, मसालें, चाय, औषधीय एवं सगन्ध पौधे आदि उगाने लगे। बाद में प्रोंसेसिंग व ग्राइडिंग मशीनें लगाकर उत्पादों को प्रोसेस, ब्राण्डिंग, ग्राइडिंग कर बेचने लगे। । पाण्डे ने उद्योग विभाग से प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना में 10 लाख का लोन लेकर होम स्टे बनाया है, जिसे वे सफलतापूर्वक चला रहे है। इसी होम स्टे में उन्होंने अपना आउटलेट खोला है, जहां से पर्यटक जैविक उत्पाद भी खरीदते है।

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कीवी उत्पादन की ओर भी बढ़ रहे पांडे
परम्परागत जैविक खेती, बागवानी, औषधीय एवं सगन्ध खेती, होमस्टे के साथ ही अब चंद्रशेखर पांडे किवी के 150 पौधे लगाकर किवी उत्पादन की ओर भी अग्रसर है। जिलाधिकारी ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए क्षेत्र के अन्य काश्तकारों को भी जोड़ने को कहा।

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औद्योगिक आस्थान में खाली शेड आवंटित करें
इसके बाद जिलाधिकारी ने मिनी औद्योगिक आस्थान गरूड़ का निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान उन्होंने महाप्रबन्धक उद्योग को निर्देश दिये कि औद्योगिक आस्थान में खाली पडे़ 04 सेड (भवन) यदि कोर्इ उद्यमी लेने को तैयार है तो वार्ता कर आस्थान भवनों की मरम्मत कराकर उन्हें आवंटित करें। भवन मरम्मत हेतु ग्रामीण निर्माण विभाग से आंगणन बनाकर प्रस्तुत करने की निर्देश दिये। इस दौरान उप जिलाधिकारी आरके पाण्डेय, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा, सहायक प्रबंधक उद्योग पंकज तिवारी आदि मौजूद थे।

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