उत्तराखंड में पेपर लीक मामला आज के समय का एक सनसनीखेज मामला बन चुका है और पेपर लीक मामले की वजह से सीएम के आदेश पर आयोग के द्वारा कराई गई भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया गया वहीं पांच और भर्ती परीक्षा को निरस्त करने को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को आड़े हाथ लिया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार इन भर्तियों को निरस्त करने का सही कारण छुपा रही है।
उन्होंने कहा कि इन पांच भर्तियों के परिणाम पर प्रदेश के 52000 युवाओं का भविष्य निर्भर करता है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां की जनता को साफ-साफ बताएं कि इन भर्ती परीक्षाओं के तार भी भ्रष्टाचार से जुड़े हैं या फिर इन परीक्षाओं के निरस्त करने के पीछे बड़ा कारण अपने चहेतों को नौकरी लगवाना है।
करन माहरा ने कहा कि सच जो भी हो लेकिन यह सच जनता के सामने आना चाहिए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि चार भर्तियों की जांच पहले ही चल रही है, जिसमें यूकेएसएसएससी और वन दारोगा समेत दो और भर्तियां शामिल हैं. कांग्रेस पार्टी ने आशंका जताई है कि संपन्न हो चुकी 5 और भर्ती परीक्षाएं निरस्त करने के पीछे आखिर सरकार का क्या मंतव्य हो सकता है।
बता दें कि बीते दिन कैबिनेट मीटिंग में धामी कैबिनेट ने सबसे बड़ा फैसला प्रदेश में भर्तियों को लेकर ही लिया. बैठक में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत 770 पदों के लिए पांच भर्ती परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सात हजार पदों के लिए प्रस्तावित सभी परीक्षाएं भी राज्य लोक सेवा आयोग कराएगा.
उन्होंने कहा कि पहले ही प्रदेश बेरोजगारी के दंश को झेल रहा है और प्रदेश का युवा दिशा विहीन और अवसाद ग्रस्त हो चुका है.ऐसे में भर्तियों को निरस्त कर दिया जाना, प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है।


