रामनगर-कुमाउंनी के वरिष्ठ साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल की स्मृति में दिया जाने वाला “मथुरादत्त मठपाल स्मृति पुरुस्कार” इस बार क्षेत्र के जाने माने साहित्यकार राजाराम विद्यार्थी को दिया जाएगा। यह निर्णय दुदबोली संस्था की बैठक में लिया गया। पुरुस्कार स्वर्गीय मथुरादत्त मठपाल की 83 वीं जयंती 29 जून को रामनगर में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान दिया जाएगा।
किशनपुर छोई रामनगर निवासी राजाराम विद्यार्थी की सैकड़ों कविताएं, कहानियाँ, आलेख, रिपोतार्ज, संस्मरण, विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं यथा वाणी प्रवाह, नैनी जन दर्पण, अमर उजाला, दैनिक जागरण, शिल्पकार टाइम्स, सम्यक भारत, दलित अस्मिता आदि में प्रकाशित हो चुकी हैं। पिछली शताब्दी के सातवें दशक से रचनाकर्म में जुटे राजाराम की प्रथम पुस्तक एकलव्य से संवाद के नाम से साल 2021 में प्रकाशित हुई।
इसके बाद उनकी हिंदी और कुमाउंनी कविताओं की संविधान निर्माता ‘बाबा साहब अम्बेडकर पर खण्डकाल’ पर आधारित संविधान शिल्पी पुस्तक का प्रकाशन हुआ। वर्तमान में उनकी आत्मकथात्मक कृति ‘पैबन्दों से झाँकती नग्नता’ प्रकाशन की प्रक्रिया में है। स्वतंत्र पत्रकारिता एवं सिलाई शिल्प से जुड़े राजाराम को अभी तक भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखण्ड द्वारा भीमराव अम्बेड़कर सम्मान 2010, भारतीय दलित साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा भगवान बुद्ध फैलोशिप राष्ट्रीय सम्मान 2013,कुमाउंनी भाषा प्रसार समिति कसार देवी अल्मोड़ा द्वारा कुमाउनी साहित्य सेवी सम्मान 2018 से सम्मानित किया जा चुका है। राजाराम भारतीय दलित साहित्य अकादमी, कुमाउं मण्डल के अध्यक्ष पद का भी उत्तरदायित्व भाई संभाल चुके हैं।
मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी दिल्ली के पूर्व सचिव डॉ. हरिसुमन बिष्ट के सानिध्य में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में हमरी दुदबोली, हमरी पछयाण विषय पर परिचर्चा के साथ ही कुमाउंनी पत्रिका दुदबोली के 300 पृष्ठ के वार्षिकांक का भी विमोचन किया जाएगा।
निर्णायक समिति की बैठक में प्रो. गिरीश चंद्र पंत, भुवन चंद्र पपनै, निखिलेश उपाध्याय, दुदबोली संपादक चारु तिवारी, डा. सुरेश उप्रेती, नंदराम आर्य, डा. डीएन जोशी, हरिमोहन मोहन, नवेंदु मठपाल, बालकृष्ण चंद, सीपी खाती मौजूद रहे।