गोली मारते वीडियो वायरल होने पर वन विभाग का दावा, बाघिन को छर्रा लगा
मरचूला/रामनगर। कॉर्बेट हलचल
अल्मोड़ा के मरचूला में सोमवार रात बाजार में घूम रही बाघिन की वन विभाग के कर्मचारियों की हवाई फायरिंग में मौत हो गई। विभाग का दावा है कि बाघिन की मौत हवाई फायरिंग के दौरान छर्रे लगने से हुई। हालांकि, मौत के कारण को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। उधर, एक वीडियो में कार में बैठा एक शख्स बाघिन की ओर बंदूक ताने और फायर करते नजर आ रहा है। इस शख्स को वन कर्मचारी बताया जा रहा है। कॉर्बेट पार्क के निदेशक ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं।
रात 9.30 बजे मरचूला बाजार पहुंची बाघिन
सोमवार रात मौलेखाल ब्लॉक के मरचूला के बाजार में करीब साढ़े नौ बजे बाघिन को देख लोग घरों में कैद हो गए। बाघिन काफी कमजोर नजर आ रही थी और कुछ लोगों ने उसकी वीडियो भी बनाई। सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों ने बाघिन को भगाने के लिए हवाई फायर किए। वन विभाग के अनुसार इस दौरान एक छर्रा बाघिन को लग गया। विभाग का दावा है कि उसके बाद काफी देर तक वह इधर-उधर घूमती रही और बाद में उसने दम तोड़ दिया। कॉर्बेट कालागढ़ टाइगर रिजर्व पार्क के मंदाल रेंज के कर्मचारी बाघिन के शव को लेकर रामनगर में रेस्क्यू सेंटर पहुंचे। मंगलवार को पोस्टमार्टम करने के बाद बाघिन के शव को नष्ट कर दिया गया। बाघिन काफी बूढ़ी और कमजोर थी।
शव से सेही के कांटे और छर्रे मिले
मंदाल रेंज के रेंजर अमोल ईस्टवाल ने बताया कि पोस्टमार्टम में बाघिन के शरीर से छर्रे और सेही के कांटे बरामद हुए हैं। अनुमान है कि सेही के कांटे पहले लगे होंगे। बाघिन की उम्र 11 से 12 वर्ष के बीच रही होगी। बाघिन आबादी क्षेत्र में कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है।
छर्रा लगा या गोली मारी?
वन विभाग के दावे के विपरीत सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कार सवार वनकर्मी बाघिन की ओर गन तानते हुए फायर करता नजर आ रहा है। वीडियो में गोली चलने की आवाज सुनाई दे रही है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार ने बताया कि बाघिन की मौत पर सवाल खड़े हुए हैं। वीडियो से साफ है कि बाघिन को गोली मारी गई है।
सीटीआर निदेशक का बयान…
मरचूला के बाजार में घूम रही बाघिन ग्रामीणों पर हमले का प्रयास कर रही थी। वन कर्मियों ने हवाई फायर किए जिसमें बाघिन को एक छर्रा लग गया और उसकी मौत हो गई। पूरे प्रकरण में जांच के निर्देश दिए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव नष्ट कर दिया गया।
– डॉ. धीरज पांडेय, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व