उत्तराखंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने राजनीतिक दबाव बनाने और विपक्षियों को फंसाने के लिए खुद की हत्या की झूठी साजिश रच दी। मामले का खुलासा बहादराबाद थाना पुलिस ने गहन जांच के बाद किया, जिसमें साजिशकर्ता समेत छह अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मामला हरिद्वार जिले का है। यहां बहादराबाद थाना क्षेत्र के घोड़ेवाला निवासी जाकिर पुत्र ताहिर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, ने 12 अक्टूबर को पुलिस को एक तहरीर दी थी। इसमें उसने आरोप लगाया कि गांव के ही विपक्षी—जिनसे उसका लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा है—ने उसकी हत्या की सुपारी 30 लाख रुपये में दे दी है। उसने कुछ स्थानीय युवकों के नाम भी बताए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने तत्काल जांच के निर्देश दिए। जांच की जिम्मेदारी थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा को सौंपी गई। जब पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और आरोपियों से पूछताछ शुरू की, तो कहानी की परतें खुलती चली गईं।
पुलिस जांच में पता चला कि जाकिर ने विपक्षी को फंसाने के लिए अपनी ही कार पर फायरिंग की योजना बनाई थी। उसने आजम, उस्मान और सोहेल नाम के तीन युवकों को ₹50,000 का लालच देकर अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग करवाई, ताकि घटना को असली हत्या की साजिश की तरह पेश किया जा सके।
पूछताछ के दौरान आरोपी आपस में ही उलझ पड़े और एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। इससे पुलिस को शक हुआ और गहराई से छानबीन में पूरा षड्यंत्र सामने आ गया।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जाकिर की पिस्टल, जिसका रिन्यूअल समाप्त हो चुका था, उसके भतीजे खालिक के पास मिली। पिस्टल के दुरुपयोग और लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन पर जाकिर और खालिक के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, पिस्टल का लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


