देहरादून। कॉर्बेट हलचल
उत्तराखण्ड परिवहन निगम निदेशक मण्डल की 32वीं बैठक में रामनगर, काठगोदाम और ऋषिकेश बस अड्डों को आधुनिक बनाने पर सहमति प्रदान की गई। शुक्रवार, 21 अक्टूबर को दून स्थित रोडवेज मुख्यालय में परिवहन निगम बोर्ड अध्यक्ष आनंद बर्द्धन, की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
सितंबर में रोडवेज को 16 करोड से ज्यादा मुनाफा
बैठक में निदेशक मण्डल को रोडवेज की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के बारे में अवगत कराया गया कि निगम ने अपने कर्मचारियों को सितम्बर, 2022 तक का वेतन और अगस्त, 2022 तक सेवानिवृत्त कार्मिकों को ग्रेच्यूटी और नकदीकरण की धनराशि का भुगतान कर दिया है। सितम्बर, 2022 तक निगम को 16.90 करोड़ का लाभ हुआ है।
पीपीपी मोड में बनेंगे तीन आधुनिक बस अड्डे
बोर्ड बैठक में यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत रामनगर, काठगोदाम और ऋषिकेश में आधुनिकीकरण बस स्टेशन निर्माण के लिए प्रेजेंटेशन दिया गया। बोर्ड ने पीपीपी मोड या राज्य सरकार की सहायता से बस स्टेशन का निर्माण कराये जाने की सहमति प्रदान की है।
पहाड़ी मार्गों पर अनुबंधित बसें चलेंगी
यात्रियों की सुविधा एवं पर्वतीय मार्गो पर निगम की बसों की कमी के दृष्टिगत पर्वतीय मार्गो पर अनुबंधित बसों का संचालन कर बसों की पूर्ति करने का निर्णय लिया गया।
महंगाई भत्ते में 3% वृद्धि
उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कार्मिकों के लिये मंहगाई भत्ते में 03 प्रतिशत की वृद्धि कर मंहगाई भत्ता 34 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही निगम को अपने डीजल पम्पों के साथ ही आई०ओ०सी० के माध्यम से रिटेल पम्प लगाये जाने की सहमति प्रदान की गयी।
अनुग्रह धनराशि के भुगतान का फैसला
निगम के कार्मिकों को अनुग्रह धनराशि का भुगतान किये जाने के सम्बंध में शासनादेश के अनुसार उत्तराखण्ड परिवहन निगम के नियमित, संविदा, वाह्यस्रोत एवं विशेष श्रेणी के रूप में कार्यरत कार्मिकों को अनुग्रह धनराशि का भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया।
2021-22 की बैलेंस शीट का अनुमोदन
उत्तराखण्ड परिवहन निगम में सेवा के दौरान मृतक कार्मिकों के आश्रितों के सम्बंध में चर्चा उपरांत प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक तुलन पत्र (बैलेन्स शीट) का अनुमोदन करते हुये सम्परीक्षा हेतु महालेखाकार, उत्तराखण्ड देहरादून को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये।
एमएसीटी वाद का सेटलमेंट करें
उच्च न्यायालयों में निगम के लम्बित एम०ए०सी०टी० सम्बंधी वादों में नियमानुसार Out of Court Settlement के प्रस्ताव पर सहमति दी गयी।