उत्तरकाशी। कॉर्बेट हलचल
उत्तराखंड से लगती चीन की सीमा पर सीमा सड़क संगठन सड़कों का जाल बिछा रहा है। यहां निर्माणाधीन दो सड़कें चीन सीमा से 200 और 300 मीटर दूर रह गईं हैं। इन सड़कों पर ब्लैक टॉप का कार्य किया जाना है।
दो प्रोजेक्ट पर कार्य
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) कई सड़कों का निर्माण कर रहा है। इसी वर्ष बीआरओ के दो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली, जिनमें एक सड़क 16 किमी और दूसरी 17 किमी लंबी थी। 16 किमी लंबी सड़क पर इसी वर्ष जुलाई से निर्माण शुरू हुआ था। इसकी कटिंग पूरी हो चुकी है। इस सड़क के अंतिम छोर से चीनी सीमा मात्र 200 मीटर दूर रह गई है। वहीं 17 किमी लंबी सड़क पर भी कटिंग का अधिकांश कार्य हो चुका है। यहां से चीन सीमा मात्र 300 मीटर दूर है।
सेना के बड़े वाहन भी चल सकेंगे
बीआरओ का कहना है कि जल्द ही सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। वहीं भैरव घाटी से नेलांग तक करीब 23 किमी का सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस पूरे दायरे में सात मीटर ब्लैक टॉप सड़क का निर्माण किया गया है जिससे अब निर्बाध रूप से सेना के बड़े वाहन यहां आवाजाही कर सकते हैं।
सीमा पर चल रहा है कई पुलों का निर्माण
सीमा पर बीआरओ कई पुलों का निर्माण भी कर रहा है। पागल नाले पर एक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण भी हो चुका है जिसका करीब एक माह पहले उद्घाटन भी हो चुका है। अभी चार पुल निर्माणाधीन हैं। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अब मंडी तक डबल लेन सड़क का निर्माण होगा। जल्द ही इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी।
बार्डर पर कुछ सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी जिनका कटिंग कार्य चल रहा है। एक सड़क का कटिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। वहीं भैरव घाटी से नेलांग तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसका उद्घाटन होना है।
-मेजर बीनू वीसी, बीआरओ