रामनगर – रामनगर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। ग्राम टांडा बसई निवासी संजय पाठक उम्र 40 साल पुत्र नंदा वल्लभ पाठक रिसोर्ट में कुक का काम करता था।
लॉकडाउन के चलते वह विगत काफी दिनों से अपने घर पर ही था। शुक्रवार की शाम उसकी तबीयत खराब होने लगी। जिसके चलते शनिवार की शाम से रामनगर चिकित्सालय लाया गया। जहां उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। प्रशासन और चिकित्सा टीम की देखरेख में संजय पाठक का अंतिम संस्कार रामनगर विश्राम घाट पर किया गया। बताया जा रहा है कि मृतक के घर में पत्नी और 2 बच्चे रहते हैं।बताया जा रहा है कि मृतक की पत्नी अपने दो मासूम बच्चो को लेकर असहाय अपने रिश्तेदारों को पहाड़ से बुलाती रही मगर कोई मदद को नही आया।जो इंसान कभी खुद कोरोना की बीमारी के चलते जिंदगी व मौत की लड़ाई की जंग जीतकर वापिस आया हो आज उससे दो मासूम बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पिता की लाश को अंतिम संस्कार के लिये अपने परिजनों की बाट ज़ोहते हुये जब नही देखा गया तो हिम्मत करते हुए आगे आकर अपनी टीम के साथ मृतक के शव के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया गया। इस नेक काम मे सहयोग देने वाले पालिकाकर्मी तो बधाई के पात्र है साथ ही साथ सभासद व एम्बुलेंस चालक दीपक चन्द्र डीसी व सभासद शिवि अग्रवाल ,मोहित अग्रवाल,तरुण छावड़ा का जज्बा भी क़ाबिले तारीफ है।
उपजिलाधिकारी विजयनाथ शुक्ल को सूचना हुयी तो उन्होंने नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी को इस काम का जिम्मा दिया। श्री त्रिपाठी खुद भी पूर्व में इस बीमारी के चलते हुये जिंदगी व मौत की जंग लड़ चुके है। जिस कारण उन्होंने इसका मर्म समझा व इधर उधर सहयोग के प्रयास किये मगर समाजसेवियों का सहयोग नही मिल पाने के बाद उन्हें सभासद व एम्बुलेंस चालक दीपक चन्द्र डीसी व सभासद शिवि अग्रवाल, पालिका के प्रभारी स्वास्थय निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट उर्फ दीपू, वाहन चालक फरीद अहमद, पर्यावरण मित्र आकाश बाल्मीकि व शनि बाल्मीकि और मोहित अग्रवाल, तरुण छावड़ा का सहयोग मिला और मृतक के शव को मोर्चरी से निकलवाकर उसे शमशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया। जहां मृतक के जीजा जरूर पहुंचे। ईओ व उनकी टीम के जज्बे की सभी मुक्तकंठ से सराहना कर रहे है मगर सोचनीय विषय यह है ऐसे कर्मो के समय समाज मे विष घोलने का काम करने वाले धर्म के ठेकेदार आखिर कहां छिप जाते है।


