रामनगर – बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री पंडित देवी दत्त दुर्गा दत्त पांडे संस्कृत विद्यापीठ मे 45 बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार जनेऊ,कर्णक्षेदन और मुंडन संस्कार किया गया l हिंदू धर्म के 13 संस्कारों में यज्ञोपवीत संस्कार सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
संस्कृत विघालय मे सामूहिक जनेऊ कार्यक्रम में रामनगर के अलावा और जिले से भी लोग यहां यज्ञोपवीत संस्कार कराने पहुंचे। बसंत पंचमी के अवसर पर यज्ञोपवीत संस्कार करना शुभ माना जाता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में यज्ञोपवीत संस्कार के बाद मनुष्य का मानसिक शारीरिक और धार्मिक विकास होता है l रामनगर मे संस्कृत विघालय द्वारा आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार में अलग-अलग सांस्कृतिक विरासत उनको एक साथ देखने को मिला।
विघालय समिति द्वारा कोविड-19 का पालन करते हुए पूरा कार्यक्रम कराया गया।रामनगर श्री पंडित देवी दत्त दुर्गा दत्त पांडे संस्कृत विद्यापीठ मे हुए कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉक्टर देवेंद्र प्रसाद ने बताया की दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिवस श्रीरामचरितमानस का अखंड पाठ और यज्ञोपवित संस्कार कार्यक्रम में 45 बटुकों के जनेऊ संस्कार के कार्य किये गए। द्वितीय दिवस रामचरितमानस अखंड पाठ का समापन,जनेऊ संस्कार, हवन व भंडारा के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ ।कार्यक्रम में सभी बटुकों के परिवार से माता-पिता व अन्य अतिथि गण भी शामिल थे ।कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति के मुख्य यजमान विनोद कुमार, मैडम सुनीता हरबोला, प्रदीप पांडे, आचार्य हेमा पांडे ,जगदीश उप्रेती, आनंद बल्लभ बधानी शास्त्री, मोहित ,अनिल दीपक जोशी, कैलाश , दया किशन, क्रिकेट अकादमी के प्रबंधक भूपेंद्र सिंह मेहरा आदि उपस्थित रहे।