रामनगर – बसन्तपंचमी व महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ,”निराला” के जन्मदिन पर क्यारी गांव के बच्चों के लिए कुछ अलग रहा।वहां रचनात्मक शिक्षक मण्डल द्वारा संचालित पुस्तकालय के बच्चों ने कैम्प हॉर्नबिल में बाल मनोविज्ञान पर केंद्रित फ़िल्म” कंचे औऱ पोस्टकार्ड “देखी।यह फ़िल्म एक ऐसे मध्यमवर्गीय बच्चे की कहानी है जो अपने ननिहाल आया होता है वहां वह अन्य बच्चों को देखादेखी कंचे खेलना चाहता है पर उसके वकील मामा इसको आवारा बच्चों का खेल बताते हैं।ऐसे में उस बच्चे की प्रतिक्रिया को फ़िल्म में बहुत ही बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कार्यक्रम आयोजकों के लिए वह पल बहुत ही शानदार पल रहा जब राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से निकले तीन वरिष्ठ रंगकर्मी,सिनेकारों सुदर्शन जुयाल, जी,चंदन बिष्ट जी,रचना बिष्ट जी ने बच्चों से उस फिल्म के साथ साथ सिनेमा व रंगमंच पर बात काफी सारी बातें कीं।
अपने बचपन की यादों को साझा किया।सिनेमा,रंगमंच की गतिविधियां कैसे जीवन में जबरदस्त बदलाव लाता है बच्चों को समझाया।इस दौरान कार्यक्रम आयोजक नवेंदु मठपाल,नवीन उपाध्याय,नेचर गाइड पंकज सती,नवीन हरबोला समेत बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद रहे।
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