उत्तराखंड का बहुचर्चित हत्याकांड केस जिसको लेकर उत्तराखंड में काफी हंगामा मचा हुआ था हम बात कर रहे हैं अंकिता हत्याकांड की इस को लेकर कई बार सीबीआई जांच की मांग उठाई गई लेकिन इसके बावजूद भी सीबीआई जांच को लेकर कोई निर्णय सामने नहीं आया.
जिसके बाद पत्रकार आशुतोष नेगी के द्वारा सीबीआई जांच कराने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी लेकिन जिसको लेकर 26 नवंबर को कोर्ट के द्वारा फैसले को रिजर्व रख दिया गया था और आज सीबीआई जांच कराने की मांग कोर्ट के द्वारा खारिज कर दी गई है।आज हाईकोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी साथ ही SIT की जाँच को सही बताया साथ ही ये भी कहा की इस मामले में CBI जाँच की जरुरत नहीं हैं।
वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड में सी.बी.आई. जांच कि मांग संबंधी याचिका में आदेश को 26 नवंबर 2022 को सुरक्षित रखा था। गौरतलब है कि अंकिता के परिजन आशुतोष नेगी ने पुलिस व एस.आई.टी. की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए एसआईटी जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। जिसमें कई सारे पहलुओं से कोर्ट को अवगत कराया गया था।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अंकिता के साथ दुराचार हुआ है जिसे पुलिस नही मान रही है। याचिकाकर्ता पत्रकार आशुतोश नेगी की याचिका में अंकिता के पिता और माता ने इम्प्लीडमेंट याचिका दाखिल की थी जिसको न्यायालय ने अब खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि एसआईटी सही जांच कर रही है उसकी जाँच में संदेह नही किया जा सकता है।कोर्ट के मुताबिक इसकी सीबीआई से जाँच कराने की आवश्यकता नही है।