बड़ा फैसला: उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने पर कैबिनेट की मुहर

ख़बर शेयर करें -

कैबिनेट फैसले : उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती हुआ

देहरादून। कॉर्बेट हलचल

उत्तराखंड प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को अहम फैसला लिया गया। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नैनीताल स्थित हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने पर मुहर लगाई गई। बैठक में 26 प्रस्ताव आए, जिसमें एक मामले को छोड़कर सभी 25 प्रस्ताव पास किए गए। इस दौरान धर्मांतरण का कानून सख्त करने का फैसला हुआ। अब उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती हुआ। इसमें 10 साल की सजा होगी।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: मॉडर्न कृषि सेवा केंद्र में आग, समय पर काबू पाने से टला बड़ा हादसा

25 प्रस्तावों पर मुहर

धामी कैबिनेट में 25 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस दौरान नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर बड़ा फैसला हुआ। बैठक में नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी में शिफ्ट करने की सैद्धांतिक मंजूर दी गई। बता दें, नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की लंबे समय से मांग चल रही थी।

ये अहम फैसले

  • धर्मांतरण का कानून होगा सख्त। 10 साल की सजा
  • नैनीताल हाईकोर्ट हल्द्वानी शिफ्ट करने पर सैद्धांतिक मंजूरी।
  • पशुपालकों को महंगे भूसे से राहत, सरकार ने सब्सिडी बढ़ाई। भूसे और साइलेज पर बढ़ी सब्सिडी।
  • कौशल विकास केंद्र संचालको को भुगतान के बदले नियम।
  • अब तीन नहीं चार किश्तों में मिलेगा संचालकों को प्रशिक्षण का भुगतान।
  • सहकारिता की तर्ज पर दुग्ध विकास विभाग भी देगा 75 फीसदी सब्सिडी। अभी तक 50 फीसदी थी।
  • दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े 52 हजार पशुपालकों को मिलेगा लाभ।
यह भी पढ़ें 👉  बिग ब्रेकिंग-हल्द्वानी,रामनगर सहित इन जगहों से चोरी करी बाईकों के अंतरराज्यीय बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश,12 मोटरसाईकिल बरामद,6 गिरफ्तार,वीडियो

इस पर चर्चा

बैठक में राजकीय सेवा में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों की भर्ती, नर्सिंग भर्ती नियमावली को मंजूरी, खनन नीति में वन स्टेट वन रॉयल्टी का प्रावधान, पीआरडी जवानों को मातृत्व अवकाश के लाभ का प्रस्ताव भी बैठक में चर्चा के लिए लाया जा सकता है। आवास विकास विभाग, राजस्व, लोनिवि, गृह विभाग से संबंधित प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा के लिए लाए जा सकते हैं।