उत्तराखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी छलांग: हजारों मेडिकल स्टाफ पदों पर भर्ती!

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उत्तराखंड सरकार ने नववर्ष 2026 को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नए संकल्प और दिशा का वर्ष घोषित किया है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसी संकल्प के तहत नए वर्ष में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे योजनाओं की स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करें और निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें, ताकि प्रदेश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

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वर्ष 2026 में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र का दायरा बढ़ेगा। इसके तहत राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ और राजकीय मेडिकल कॉलेज रूद्रपुर का विधिवत संचालन शुरू होगा, जिससे युवाओं को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे और आम लोगों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, ऊधमसिंहनगर में एम्स ऋषिकेश का सैटेलाइट सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।

प्रदेशभर की राजकीय चिकित्सा इकाईयों और मेडिकल कॉलेजों में 1 जनवरी 2026 से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। महानिदेशालय और शासन स्तर पर हर महीने इसका पालन और समीक्षा की जाएगी। भविष्य में बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर वेतन आहरण भी सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की जाएंगी और उनके लिए पृथक कैडर बनाया जाएगा। इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के लिए पृथक स्थानांतरण नीति लागू की जाएगी।

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चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में 287 चिकित्साधिकारी, 103 नर्सिंग अधिकारी, 30 डेंटल हाईजिनिस्ट, 180 एएनएम पदों पर नियुक्ति की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग में 587 नर्सिंग अधिकारियों के पद भरे जाएंगे। इसके अलावा, आईपीएचएस मानकों के अनुसार लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, डायलिसिस तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, एक्स-रे तकनीशियन और ऑप्टोमेट्रिस्ट जैसे तकनीकी पद सृजित और भरे जाएंगे। आउटसोर्स के माध्यम से प्रत्येक चिकित्सा इकाई में लगभग 2000 वार्ड ब्वॉय की भी भर्ती की जाएगी।

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प्रदेश के प्रत्येक जनपद के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी ताकि चिकित्सा इकाईयों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा, मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता बनाए रखी जाएगी और प्रत्येक दिन चादर बदली जाएगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वर्ष 2026 में चिकित्सा इकाईयों को मानकों के अनुरूप उच्चीकृत किया जाएगा। जिला चिकित्सालयों से लेकर सीएससी तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती और एमआरआई, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे सहित आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

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