कैबिनेट फैसले: उत्तराखंड में अवैध निर्माण पर अब सजा नहीं, उम्रकैदी 14 साल में रिहा होंगे

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देहरादून। कॉर्बेट हलचल

प्रदेश में भवनों के अवैध निर्माण करने में अब सजा का प्रावधान हटा दिया गया है। इसके बदले जुर्माना बढ़ा दिया गया है। सोमवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई है। प्रदेश की जेलों में आजीवन सजा काट रहे बंदियों को अब 14 साल में ही रिहाई मिल जाएगी। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 19 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें 18 पर मुहर लगी।

1. गरीब बच्चों को शुल्क की प्रतिपूर्ति बढ़ाई 

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत हर महीने फीस 1383 रुपये से बढ़ाकर 1893 रुपये तय की गई है। प्रदेश के 3900 प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब परिवारों के 90 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं।


2. उम्रकैदी महिला, पुरुष की सजा अब एक समान
आजीवन कारावास के तहत अब अधिकतम 14 साल की सजा होगी। कैबिनेट ने उत्तराखंड (न्यायालयों द्वारा आजीवन कारावास की सजा से दंडित सिद्धदोष बंदियों की सजा माफी/समय पूर्व मुक्ति के लिए) स्थायी नीति, 2022 को मंजूरी दे दी है। अभी महिलाओं के लिए 14 साल और पुरुषों के लिए 16 साल की सजा का प्रावधान है। अब सजायाफ्ता कैदियों को अच्छे आचरण, आयु और अपराध प्रकृति के हिसाब से कभी भी छोड़ा जा सकेगा। अभी ऐसे कैदियों को 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही रिहा करने का प्रावधान है। 


3. अवैध निर्माण पर सजा खत्म, जुर्माना बढ़ाया
प्रदेश में अब अवैध निर्माण या भवन निर्माण में मानकों की अनदेखी करने पर सजा नहीं होगी, लेकिन पहले से अधिक जुर्माना वसूला जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लाए गए उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास संशोधन विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसी तरह मत्स्य कानून में भी सजा प्रावधान हटा दिया गया है और इसमें न्यूनतम 2000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

4. अनुपूरक बजट को मंजूरी
4867 करोड़ का अनुपूरक बजट को मंजूरी कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट की पूर्ति के लिए 4867 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी दी। 

5. पहाड़ में गैर शहरी क्षेत्रों में भवनों की ऊंचाई बढ़ाने को नई नीति आएगी
कैबिनेट में पर्वतीय क्षेत्रों के उन इलाकों में भवनों की ऊंचाई बढ़ाने की नीति पर चर्चा की, जो नगर निकायों या आवास विकास प्राधिकरण के दायरे में नहीं आते हैं। चर्चा के बाद इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट के लिए टाल दिया गया।

6. रोडवेज की जमीन पर बनेगी ग्रीन बिल्डिंग बदले में बस अड्डों की भूमि मिलेगी
देहरादून में रोडवेज की कार्यशाला की भूमि पर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एकीकृत आठ मंजिला हरित भवन बनेगा। इस भवन में एक ही जगह 70 विभागों के दफ्तर होंगे। बदले में सरकार रोडवेज को सभी बस अड्डों की सरकारी भूमि देगी। भूमि जून 2023 तक स्मार्ट सिटी लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी जाएगी। 

7. बैंक गारंटी देनी होगी
आवासीय परियोजनाएं बनाने वालों को अब बैंक गारंटी देनी होगी। अब उन्हें 15 प्रतिशत भूमि प्राधिकरण में बंधक नहीं रखनी होगी। इसके बदले भूमि लागत की 15 प्रतिशत बैंक गारंटी देनी होगी।

8. वीर सैनिकों व वीरांगनाओं को बसों में मुफ्त यात्रा 
कैबिनेट ने अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र व शौर्य चक्र प्राप्त भारतीय सैनिकों एवं उनकी वीरांगनाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का फैसला किया।

ये फैसले भी हुए 

9.   सॉंग बांध परियोजना के पुनर्वास व विस्थापन नीति को मंजूरी।
10. सहकारी समितियों में प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने और कुशल प्रबंधन व्यवस्था के लिए उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन को मंजूरी।
11. जल जीवन मिशन के तहत कराए गए नए अनुबंधों में परफारमेंस सिक्योरिटी 10 प्रतिशत की जगह अब तीन प्रतिशत होगी। यह व्यवस्था चालू व जारी अनुबंधों पर लागू नहीं होगी।
12  लीसा उठान पर स्टांप डयूटी पांच प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत हुई।
13. लोकसेवा आयोग के 2021-22 का वार्षिक प्रतिवेदन को विस पटल पर रखने की मंजूरी।
14. संचार सुविधाओं के लिए प्रदेश में भारतीय तार मार्ग के अधिकार नियम 2016 को अंगीकार किया गया।
15. भारतीय सहकारिता ग्रामीण विकास एवं निर्माण लि. को एक करोड़ तक के कार्यों के लिए कार्यदायी एजेंसी बनाया।
16. पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित हुए पट्टाधारकों को बरेली के बाद अब पुनर्वास कार्यालय रुद्रपुर से आवंटित पट्टों पर मालिकाना हक मिला। 17. व्यापारियों के लिए उत्तराखंड माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में संशोधन विधेयक को मंजूरी।
18. जल निगम के ढांचे का पुनर्गठन होगा। अधीक्षण अभियंता के छह पद बढ़ाए।

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