ट्रैफिक प्रबंधन पर मुख्यमंत्री सख्त, कहा-मानसून से पहले तैयारियों को पुख्ता करें

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा, स्वच्छता, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि प्रदेश के हजारों लोगों की आजीविका से भी जुड़ी है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों से समन्वय स्थापित कर यात्रा व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। साथ ही, यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और पर्यावरण अनुकूल उपायों को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग और जिला प्रशासन को आगाह किया कि वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि मोबाइल गश्ती टीमें तैनात की जाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नागरिकों के साथ त्वरित संपर्क के लिए नंबर अपडेट रखे जाएं।

यह भी पढ़ें 👉  गौला नदी की जमीन मुक्त कराने उतरा प्रशासन, अवैध निर्माण ध्वस्त

उन्होंने अधिकारियों को आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षात्मक उपाय समय रहते सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। जलभराव और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में उपचारात्मक कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने पर बल दिया गया।

गर्मी के मौसम को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कहीं भी जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए पर्याप्त पेयजल टैंकरों की व्यवस्था की जाए। सभी जिलाधिकारी अपने स्तर पर बैठकें कर इस विषय पर समाधान करें।

यह भी पढ़ें 👉  भीमताल झील में वोटिंग के दौरान 04 पर्यटक लाइफ जैकेट उतार कर पी रहे थे बीयर, फिर क्या हुआ देखिये video

मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जनशिकायतों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से हो ताकि शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। तहसील दिवस, बीडीसी बैठकें और बहुद्देशीय शिविरों के माध्यम से योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली-पानी कनेक्शन जैसी सुविधाएं अनधिकृत रूप से अपात्र लोगों को प्रदान करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर टर्मिनेशन की प्रक्रिया शुरू की जाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान टनकपुर के बनबसा क्षेत्र में बन रहे सूखा बंदरगाह और मिनी सिडकुल परियोजना की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने आयुक्त कुमाऊं मंडल को निर्देश दिए कि वन भूमि की प्रतिपूर्ति हेतु अन्य जिलों से समन्वय कर शीघ्र भूमि उपलब्ध कराई जाए।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर-वायरल वीडियो का SSP नैनीताल ने लिया संज्ञान, फिर हुई ये कार्यवाही

वीसी के माध्यम से नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना ने अवगत कराया कि पर्यटन सीजन को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। कैंचीधाम और नैनीताल के लिए शटल सेवा संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, बाईपास निर्माण हेतु वन भूमि प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और अस्थायी हैलीपैड का निर्माण कार्य भी शीघ्र पूर्ण होगा।

उन्होंने बताया कि कैचीधाम में अनियंत्रित विकास को रोकने के लिए उसे प्राधिकरण क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आयुक्त कुमाऊं  दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।