पहली कक्षा में प्रवेश के नए नियम लागू, कम उम्र के बच्चों को नहीं मिलेगा एडमिशन

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उत्तराखंड में अब सरकारी और निजी दोनों प्रकार के स्कूलों में कक्षा एक (कक्षा 1) में प्रवेश के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु छह साल होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि इससे कम उम्र के बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, और इस नियम में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने NEP को पूरी तरह लागू करने की दिशा में यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की जा रही है और उत्तराखंड में भी इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।

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 शिक्षा मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शुरुआत में कुछ दिक्कतें जरूर आ सकती हैं, लेकिन व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाने के लिए यह जरूरी है। इस फैसले में कोई अपवाद नहीं होगा।

मंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस नई व्यवस्था के बारे में सभी निजी स्कूलों को भी तत्काल सूचित किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ‘बालवाटिकाओं’ की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें उचित प्रारंभिक शिक्षा मिल सके।

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इस बदलाव का उद्देश्य बच्चों को उनके मानसिक और शारीरिक विकास के अनुकूल शिक्षा देने की दिशा में कदम बढ़ाना है, ताकि वे स्कूल जीवन की शुरुआत बेहतर तरीके से कर सकें।

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