उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों की प्रक्रिया में विलंब, प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों की संभावना अभी धुंधली नजर आ रही है। चुनावी सरगर्मी के बीच, शासन ने नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया है।

लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की आदर्श आचार संहिता के लागू होने के कारण नगर निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, शासन ने 02 जून 2024 को एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल 3 महीने या नए बोर्ड के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए बढ़ा दिया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  महिंद्रा XUV500 वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर सड़क से नीचे गहरी खाई में गिरा,चार व्यक्ति थे सवार

उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है, और मानसून सीजन में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। इसके अलावा, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के प्रतिनिधित्व संबंधी सर्वे में समय लगने की संभावना को देखते हुए, यदि नगर निकायों के सामान्य निर्वाचन-2024 समय पर संपन्न नहीं होते हैं, तो प्रशासनिक शून्यता से बचने के लिए नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नए बोर्ड के गठन तक बढ़ाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  सभी जिलों से मांगा 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीद का ब्योरा, सीएस ने मांगी रिपोर्ट

नगर निकायों के मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल 01 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गया था। इस तिथि से पहले नगर निकायों में चुनाव कराकर नए बोर्ड का गठन किया जाना था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका संख्या-278/2022 (सुरेश महाजन बनाम स्टेट ऑफ मध्य प्रदेश व अन्य) के मामले में 10 मई 2023 को पारित आदेश के अनुपालन में, ओबीसी को स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व देने के संबंध में एकल समर्पित आयोग से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने के कारण चुनावी प्रक्रिया में विलंब हो गया है।