बड़ी ख़बर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने दिया पार्टी से इस्तीफा

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वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा पांच पेज का त्यागपत्र
बोले कांग्रेस जिस हालत में है, वहां से वापसी करना मुश्किल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी। पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए हैं।

पार्टी आलाकमान पर गंभीर आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे पांच पन्नों के त्यागपत्र में उन्होंने पार्टी आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आजाद ने कहा कि कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता है।

कमजोरियां बताने पर हमें अपमानित किया
गुलाम नबी आजाद ने दावा किया है कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें गालियां दी गईं। उन्होंने लिखा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए जिन 23 नेताओं ने पत्र लिखा, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया।

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राहुल गांधी के गार्ड-पीए लेते हैं फैसले
गुलाम नबी आजाद ने पत्र में गांधी परिवार के युवा नेता राहुल गांधी की तीखी आलोचना की, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक गांधी परिवार से रहे अपने करीबी संबंधों का उल्लेख करते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता की सरहाना की है।
आजाद ने यूपीए की सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार करार दिया है। उन्होंने कहा, ”इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया है। आप केवल एक नाममात्र व्यक्ति हैं। सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी या उनके सुरक्षा गार्ड और फिर उनके पीए द्वारा लिए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के ऐसे हालात हो गए हैं कि अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए खुद को परदे के पीछे खड़ा किया जा रहा है।

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राहुल गांधी को बताया अपरिपक्व नेता
सोनिया गांधी के नाम लिखी इस चिट्ठी में गुलाम नबी ने कहा है कि राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री और विशेष रूप से जनवरी 2013 के में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने के बाद पार्टी में पहले से मौजूद पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की अपरिपक्वता का सबसे ज्वलंत उदाहरण उनके द्वारा मीडिया की चकाचौंध में एक सरकारी अध्यादेश को फाड़ देना था।

पहले “कांग्रेस जोड़ो यात्रा” की जरूरत
सीनियर नेता ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी। आजाद ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए।

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‘जी23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे आजाद
मालूम हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद पार्टी के ‘जी23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। इस गुट के नेताओं ने ही कांग्रेस की कमजोरियों को लेकर पार्टी आलाकमान के पत्र लिखा था। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।

इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका: उमर
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया है। उन्होंने कहा एक इतनी पुरानी पार्टी का पतन देखना ‘दुखद’ और ‘खौफनाक’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘लंबे समय से ऐसी अटकलें थीं… कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है। शायद हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं, उनका इस्तीफा बेहद दुखद है। इतनी पुरानी पार्टी का पतन होते देखना दुखद और खौफनाक है।’

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