रायवाला। प्रदेश की राजधानी देहरादून से महज 30 किमी दूर स्थित डोईवाला तहसील अन्तर्गत रायपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत धारकोट के लद्दाकोट व हल्द्वाड़ी गाँव आजादी के 75 वर्षों बाद आज भी विकास के क्षेत्र में कोसों दूर है।
प्रदेश की शीतकालीन राजधानी देहरादून से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इन गाँवों के ग्रामीण अभी भी है मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। राजनैतिक रूप से हॉट सीट माने जाने वाली डोईवाला विधानसभा की दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र में बसा हल्द्वाड़ी व लद्दाकोट गाँव सड़क मार्ग से जुड़े न होने के कारण गांव के ग्रामीण और स्कूली नौनिहाल दस किलोमीटर की लंबी दूरी पैदल तय करने को मजबूर हैं।
ऐसे में ग्रामीण भाजपा की धामी सरकार और उनके नुमाइंदों से बेहद नाराज हैं। चुनाव के समय वोट मांगने के लिए सभी नेता मिलों पैदल चल कर गांव में आते हैं और विकास के कोरे सपने दिखाकर वोट तो मांगते हैं। जीतकर विधायक मंत्री बनने के बाद कोई भी इन गाँवों के ग्रामीणों की सुध तक लेना तक उचित नहीं समझते।
जबकि यहाँ से कांग्रेस व भाजपा के बड़े दिग्गज हीरा सिंह बिष्ट, त्रिवेंद्र सिंह रावत, रमेश पोखरियाल निशंक क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास व लोगों की मुलभुत सुविधाओं का खयाल नहीं रखेंगे तो आने वाले चुनावों में ऐसे कोरे आश्वासन देने वाले नेताओं को सबक सिखाएंगे।
कक्षा 10 में अध्ययरत आरुषि का कहना है रोजाना लंबी दूरी नापकर स्कूल में अक्षर ज्ञान के लिए आने वाले बच्चों की आंखों में सपने तो है लेकिन सरकार से मायूस हैं। बताया की विद्यालय तक का मार्ग जंगल व नदी से होकर गुजरता है जहां जंगली जानवरों व असामाजिक तत्वो का भय निरंतर बना रहता है।
वहीं ग्रामीण दिनेश कोठारी बताते हैं भले ही आज उत्तराखंड की सरकार अपने कार्यकाल का एक साल बेहद कामयाब बताकर वाह वाही लूट रही है लेकिन चिराग तले अंधेरा वाली कहावत यहां पर सटीक बैठती हैं।