देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष राजभवन सचिवालय में उप क्षेत्रीय कार्यालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सहायक निदेशक देवानंद ने संस्थान के क्रियाकलापों व गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने उत्तराखण्ड में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए संस्थान द्वारा किये जा रहे उपायों की जानकारी दी।
राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन, भंडारण और तस्करी एक चुनौती के रूप में हमारे सम्मुख है। इसकी रोकथाम के लिए सरकारी तंत्र के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की भी बड़ी भूमिका है। नशे के विरुद्ध सभी लोगों को एकजुट होकर एक जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि हम सभी को मिलकर उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में बच्चों को इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन संस्थान समय-समय पर करें। विशेषकर युवाओं को नशे व मादक पदार्थों की गिरफ्त में आने से रोका जाना जरूरी है। नशीले पदार्थों की आदत न केवल नशा करने वालों को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे परिवार व समाज को भी नुकसान पहुंचाती है। युवा पीढ़ी पर तो इसका बहुत विपरीत असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि संस्थान को पुलिस के साथ मिलकर मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में लिप्त लोगों व इसके नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने के सामूहिक प्रयास करे। राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थों व नशे के व्यवसाय से जुड़े लोगों की पहचान व उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही जरूरी है। इसकी पहचान व मॉनीटरिंग के लिए मास मीडिया, सोशल मीडिया व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नई तकनीकी का प्रयोग किया जाय। उन्होंने संस्थान के अधिकारियों से कहा की रेखीय विभागों के साथ समन्वय कर, खुफिया नेटवर्क को मजबूत करते हुए समय-समय पर प्रवर्तन की कार्यवाही भी की जाय।