रामनगर:- नैनीताल अल्मोड़ा जिले की सीमा मोहान पर स्थित आयुर्वेदिक दवाइयों के कारखाने इंडियन मेडिसंस फार्मास्यूटिकल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) के निजीकरण के खिलाफ बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में “आईएमपीसीएल बचाओ मार्च” के तहत पद यात्रा का आयोजन किया गया। कर्मचारी संघ, ठेका मजदूर कल्याण समिति के तत्वाधान में पद यात्रा पुरानी तहसील से आरंभ होकर रानीखेत रोड, लखनपुर चुंगी, पर्वतीय सभा, कोटद्वार रोड होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची। जहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एचएमटी, आईडीपीएल जैसी फैक्ट्रियों को बंद करने के बाद केंद्र सरकार अब आईएमपीसीएल को निजी हाथों में देने का कुचक्र रच रही है। जो पहले से ही पलायन का दर्द झेल रहे प्रदेश के बेरोजगारों के लिए घातक साबित होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर आईएमपीसीएल का निजीकरण नहीं होने देगी। कर्मचारी नेताओं को सुझाव देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वह इस सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना के साथ बाबा केदार के दरबार में भी निजीकरण के खिलाफ अपनी अर्जी लगाएं। निजीकरण की कार्यवाही को न रोके जाने पर उन्होंने आगामी नेहरू जयंती 14 नवंबर को कारखाना गेट पर एक दिवसीय उपवास की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार इस फैक्ट्री का निजीकरण करने से बाज आए। अन्यथा कांग्रेस पूरे उत्तराखंड में रामनगर हिटो का नारा देकर सरकार की नींद हराम करने का काम करेगी। जनसभा के बाद एसडीएम राहुल शाह के माध्यम से एक ज्ञापन भी सरकार को भेजा गया। इस दौरान ज्येष्ठ उप ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, ठेका मजदूर कल्याण समिति के किशन शर्मा, अनुपम शर्मा, महेश पंडित, मौलाना जलीस अहमद, शेर सिंह लटवाल, दीप्ती भारद्वाज, पुष्कर दुर्गापाल, पूरन पाण्डे, भोला भट्ट, खजान पाण्डे, नारायण सिंह रावत, अभिमन्यु डंगवाल, गोपू अधिकारी, निशांत पपनै, विकास डंगवाल, ताईफ खान, दीपक भट्ट, रामावतार अग्रवाल, जयप्रकाश, मोहन फर्त्याल, असद अली, ट्रेड यूनियन अध्यक्ष जयपाल सिंह रावत, उपाध्यक्ष मौ. अब्दुल नईम, सचिव भूपेंद्र सिंह अधिकारी, कोषाध्यक्ष कुंदन सिंह मेहरा, भवान सिंह, एससी एसटी ओबीसी के अध्यक्ष पनीराम, कमलेश देवी, किरण भारद्वाज, मंजू देवी, कमला अधिकारी, अनीता रावत, संतोषी रावत, तनुजा उप्रेती सहित जसपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, सल्ट आदि क्षेत्रों से आए कई लोग मौजूद रहे।
स्कूटी से पहुंचे सभा स्थल हरीश रावत
रामनगर। आईएमपीसीएल बचाने के लिए आयोजित पद यात्रा में शामिल होने रामनगर पहुंचे हरीश रावत पैर की दिक्कत के चलते पूरे समय पद यात्रा में पैदल नहीं चल पाए। पुरानी तहसील से शुरू इस पद यात्रा में शामिल हुए हरीश रावत रानीखेत रोड पर चलने के बाद लखनपुर से युवा नेता संजय रावत के साथ सभा स्थल तक स्कूटी से पहुंचे।
ठेका मजदूर कल्याण समिति ने भी दिया रावत को ज्ञापन
रामनगर। आईएमपीसीएल बचाओ मार्च में शामिल होने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ठेका मजदूर कल्याण समिति ने भी ज्ञापन देकर मजदूरों की समस्याएं उठाने की मांग की। समिति के किशन शर्मा द्वारा दिए गए ज्ञापन में समिति ने कहा कि भारत सरकार के मिनी नवरत्न उपक्रम इंडियन मेडिसिंस एंड फार्मास्युटिकल्स काॅर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) के निजीकरण रोक लगाने की मांग के साथ आईएमपीसीएल में काम रहे रहे सभी ठेका मजदूरों का नियमितिकरण कर उन्हें स्थाई नियुक्ति व ठेका मजदूरों के प्रोविडेंट फंड के बकाया 1.12 करोड़ रुपये व अन्य राशि के भुगतान की मांग को भी अपने मांग पत्र में शामिल करें। साथ ही इन मामलों को कांग्रेस द्वारा लोकसभा एवं उत्तराखंड विधानसभा में भी उठाकर इन्हें मुद्दा बनाया जाए। समिति ने उन्हें आईएमपीसीएल का विनिवेश रोकने की मांग को लेकर वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी व उत्तराखंड के 6 सांसदों को लिखे गए पत्र की प्रतियां भी उपलब्ध कराई। ठेका मजदूर कल्याण समिति आईएमपीसीएल मोहान के बैनर तले पदयात्रा कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा, भूपेंद्र कुमार, मनोज कुमार, नवीन अधिकारी, नंदन रावत, मंजू भट्ट, दीपा जोशी, ख्याली राम, पितांबर लाल, शेखर चंद्र, गिरीश पंत, प्रकाश पांडे, हरीश गिरी, सुरेंद्र राम, दीपक गिरी के साथ सैकड़ो मजदूरों ने भागीदारी की
एक नजर में आईएमपीसीएल
रामनगर। नैनीताल अल्मोड़ा जिले की सीमा पर स्थित मोहान नामक स्थान पर कोसी नदी के किनारे इंडियन मेडिसंस फार्मास्यूटिकल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) की स्थापना वर्ष 1978 में की गई थी। आयुष मंत्रालय के अधीन शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों के निर्माण का भारत सरकार के एकमात्र इस प्रतिष्ठान को मिनी रत्न का दर्जा प्राप्त है। विनिवेश मंत्रालय द्वारा जिस निगम की वर्तमान में विनिवेश प्रक्रिया की जा रही है वह 1200 प्रकार की शास्त्रीय (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) औषधियों के निर्माण का लाईसेंस प्राप्त एक मात्र निगम है। मौजूदा समय में फैक्ट्री में लगभग 350 प्रकार की उच्च गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक एवं 125 प्रकार की यूनानी औषधियों का निर्माण कर देश के केन्द्रीय अस्पतालों, रिसर्च संस्थानों एवं राज्य सरकार के अस्पतालों में इनकी आपूर्ति की जाती है। आईएमपीसीएल द्वारा रिसर्च संस्थानों सीसीआरएएस एवं सीसीआरयूएम के लिये ट्रायल ड्रग्स भी बनाये जाते हैं। इसके द्वारा निर्मित इम्यूनिटी बूस्टर ‘आयुष रक्षा किट’ कोरोना महामारी के दौरान प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण का प्रसार रोकने में बेहद लाभकारी सिद्ध हुई थी। आईएमपीसीएल छोटे एवं मझोले उद्योगों से प्राथमिकता के आधार पर सामग्री खरीदकर कर नये स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के साथ ही क्षेत्र में कई अन्य सैंकड़ों परिवारों की आजीविका का केंद्र बना हुआ है। भरी मुनाफे में चलने वाले इस कारखाने पर लंबे समय से कई निजी क्षेत्रों की नजर लगी हुई है। जिसके चलते बीते पांच साल से इस कारखाने के निजीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं।