अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार यानी 1 नवंबर को मतदान होगा। पहले चरण में दक्षिण गुजरात और कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्रों के 19 जिलों के 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन सीटों पर दो करोड़ से अधिक मतदाता 788 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान ने प्रथम चरण के मतदान से ठीक पहले भाजपा को बैठे बैठाए एक नया भावनात्मक मुद्दा दे दिया है। भाजपा ने खरगे के बयान को गुजरात की जनता का अपमान बताते हुए चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने की अपील शुरू कर दी है।
भावनात्मक मुद्दों की ओर चुनाव को खींच कर मोदी केंद्रित करना भाजपा की आजमाई हुई रणनीति है। कभी विपक्ष यह अवसर दे देता है तो कभी भाजपा खुद ऐसा कर देती है। चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने ‘औकात’ बताने की बात कहकर और अब मतदान से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी के सिर की रावण के सिर से तुलनाकर भाजपा को घर बैठे मुद्दा दे दिया है। मोदी विपक्ष के प्रहार को उन्हीं के खिलाफ हथियार बनाना अच्छे से जानते हैं।
दरअसल, खरगे के बयान के बाद पूरी भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है और गुजरात का अपमान बता रही है। गुजराती सियासत पर गहराई से नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक डॉ. पार्थ पटेल कहते हैं कि पहले चरण के मतदान से पहले का समीकरण यह है कि गुजरात चुनाव त्रिकोणीय बन गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आम आदमी पार्टी एक महत्वपूर्ण फैक्टर बनकर उभरी है। शुरुआती अनुमान से उलट आप कांग्रेस को तगड़ी चोट देने के साथ-साथ तमाम सीटों पर भाजपा का भी वोट काट रही है। इसके अलावा पिछले चुनावों में कई सीटों पर बहुत करीबी अंतर से हार-जीत हुई थी। इस स्थिति में भाजपा को अपने वोट को बांधे रखने के लिए किसी रिएक्शन वाले भावनात्मक मुद्दे की दरकार थी।
दांव पर दिग्गज
- भाजपा : सीएम भूपेंद्र पटेल, राघवजी पटेल, जीतू वाघाणी, जीतू चौधरी, हर्ष संघ वी, पूर्णेश मोदी।
- कांग्रेस : पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ललित कगथरा, ऋत्विक मकवाणा, अमरीश डेर व जावेद पीरजादा।
- आप : सीएम कैंडिडेट ईसुदान गढ़वी, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया व अल्पेश कथीरिया।


