छलका दर्द…..
गैरसैंण में निर्माण कार्यों से नाखुश हैं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत!
कहा, ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में अभी बहुत कुछ होना बाकी
गैरसैंण। कॉर्बेट हलचल
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का दर्द गैरसैंण में विकास की गति को लेकर छलक उठा। उन्होंने कहा है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। इसके लिए स्थानीय जनता को प्रदेश के राजा को जगाना ही होगा। मंगलवार को लोक निर्माण विभाग गैरसैण के रेस्ट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि गैरसैंण वाले जगाते रहो तभी राजा जगेगा। हमने जो लौ जलाई है उसमें ऊर्जा डाले रखना।
जन भावनाओं पर बनाई थी ग्रीष्मकालीन राजधानी
पूर्व सीएम रावत ने कहा कि राज्य की जनता की भावनों को समझते हुए उनकी सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। अब उसको सजाना तथा सवारना गैरसैंण के हर नागरिक का कर्तव्य है। रावत ने कहा कि जब उन्होंने विधानसभा में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी। तब उनके इस निर्णय पर तत्कालीन विधायक सुरेन्द्र नेगी, मुन्नी देवी एवं महेन्द्र भट् की आंखें छलक गई थीं। कहा कि धामी सरकार गैरसैंण को संवारने के लिए जरूर काम करेगी। त्रिवेंद्र ने कहा कि सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य आदि मूलभूति सुविधाओं को पहले से ज्यादा सुदृढ़ होंगी।
घोषणाओं पर धामी सरकार काम करेगी
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनकी गैरसैंण में रामगंगा नदी पर झील निर्माण, दस वर्ष में यहां के विकास के लिए 25 हजार करोड़, पार्किग निर्माण, बेनीताल को एस्टो भीजेल बनाने, ग्रीष्मकालीन राजधानी के विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई कमेटी गठन सहित अन्य कार्यो पर भी वर्तमान सरकार कार्य करेगी।