देश में महिलाओं के साथ लगातार बड़ रहे अपराध व बलात्कार जैसी घटनाओं के खिलाफ महिला एकता मंच द्वारा आज सुंदरखाल में जुलूस निकालकर सभा की। तथा आगामी 29 सितम्बर को रामनगर में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ विशाल रैली आयोजित करने की घोषणा की।
सभा को संबोधित करते हुए मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि आज हम लोग कही भी सुरक्षित नहीं हैं । छोटी बच्चियों के साथ भी बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं। सामाज में माहौल इतना खराब कर दिया गया है कि नाबालिग लड़के भी बलात्कार में शामिल पाए जा रहे हैं । अगर हम लोग आवाज नहीं उठाएंगे तो ये घटनाएं और बढ़ती जाएंगी ।
उन्होंने कहा कि देश में हर 15 मिनट में एक बलात्कार की घटना सामने आती है। हमारा देश आज महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे असुरक्षित देश बनता जा रहा है।
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि इंटरनेट व फिल्मों के माध्यम से परोसी जा रही अश्लीलता व पोर्न का समाज पर गलत प्रभाव पड़ रहा है जिस कारण महिलाओं के साथ अपराध अपराध बढ़ रहे हैं । सरकार इस पर सख्ती से रोक लगाए तथा इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए जायें।
कौशल्या ने कहा कि 2012 में निर्भया कांड के बाद देश में महिला के साथ हो रहे अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए , इसके बावजूद भी महिलाओं के प्रति अपराध कम नहीं हुए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किए जाने व पितृसत्तात्मक मूल्यों को खत्म किए बगैर महिलाओं के साथ अपराध रुकने वाले नहीं हैं।
उपपा नेता प्रभात ध्यानी ने कहा कि हम देख रहे हैं महिला अपराधों के मुद्दे पर राजनीतिक दल एक दूसरे को दोषी ठहराकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। सत्तारूढ़ दल बीजेपी अपराधियों को बचाने में लगी है।
सरस्वती जोशी ने कहा कि
लैंगिक समानता को स्कूल-कॉलेजों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर युवा पीढ़ी, सुरक्षा बलों व प्रशासन को औरतों के प्रति संवेदनशील बनाने की जरूरत है।
गौरा देवी ने कहा कि सल्ट में
ऐसी घटनाएं हो गई । आज हम देख रहे हैं कि कोई दिन ऐसा नही है जिस दिन महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटना नहीं होती है। उन्होंने कहा कि
अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
छात्रा गुंजन ने कहा कि समूचा तंत्र मिलकर हमारे सपनों को कुचल रहा है। हम अपने भविष्य को लेकर हर वक्त चिंतित हैं।
कार्यक्रम में घनानंद शर्मा, सुनील कुमार,विनीता ,प्रीति ,प्रभात,ध्यानी, केशव,मीरा देवी मधुली देवी,दीपा देवी, आशा देवी,धना, तुलसी, मोहनी,कमलादेवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, कविता ज्योति, लक्ष्मी, पूजा कविता ,ममता समीत संख्या में महिलाएं शामिल रही ।