रामनगर। ग्राम सभा डोनपरेवा, विकासखंड कोटाबाग में शनिवार को महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद दीवान सिंह बिष्ट की 89वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन शहीद दीवान सिंह बिष्ट आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज डोनपरेवा के प्रांगण में संपन्न हुआ, जिसमें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और ग्रामीणों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रशासन की ओर से बहुउद्देशीय जन सेवा शिविर भी लगाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक सरिता आर्य ने शहीद स्मारक पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि शहीद दीवान सिंह बिष्ट जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र और मजबूत राष्ट्र में जीवन जी रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने और उनका लाभ उठाने का आह्वान किया।
शिविर में ग्रामीणों द्वारा 129 समस्याएं व मांगें प्रस्तुत की गईं। इनमें आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत, गांव में बैंक शाखा की स्थापना, इंटर कॉलेज के भवनों का पुनर्निर्माण, जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना, आर्थिक सहायता की जरूरत, और आईटीआई में संसाधनों की कमी जैसी प्रमुख मुद्दे शामिल रहे। अधिकारियों ने इन पर त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।
शिविर में शामिल समाज कल्याण, बाल विकास, पशुपालन, कृषि, खाद्य, स्वास्थ्य, राजस्व, विद्युत, पेयजल, ग्रामीण विकास, श्रम, पर्यटन, सेवायोजन व महिला समूहों ने अपने स्टॉल के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी और लाभ भी वितरित किए।
इन पर विधायक सरिता आर्य और उपजिलाधिकारी नवाजिश खलिक ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से भी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
विद्यालय की छात्राओं ने वंदना और स्वागत गीत की प्रस्तुति से कार्यक्रम का आरंभ किया। उपस्थित छात्र-छात्राओं को देशभक्ति, शिक्षा और सामाजिक योगदान से जुड़ी बातें बताई गईं।
कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधानाचार्य रविशंकर पांडे, सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल दत्त तिवारी, पूर्व विधायक व अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रवीण सती और उत्कर्ष बोरा ने किया।
यह आयोजन न केवल शहीद के बलिदान को स्मरण करने का अवसर बना, बल्कि प्रशासन और जनता के सीधे संवाद का सशक्त माध्यम भी सिद्ध हुआ, जिससे ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी और समस्याओं के समाधान का भरोसा मिला।




