देहरादून। एसटीएफ ने लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए हजम करने वाले वांछित कुख्यात इनामी को रामनगर से गिरफ्तार कर लिया। इस अभियुक्त की गिफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पकड़ा गया इनामी कई लोगों से लाखों का चूना लगाकर चंपत हो गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड एसटीएफ इनामी/ गैंगस्टर अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर रही है साथ ही जो अब तक टॉप मोस्ट वांटेड है, उनकी लिस्ट बनाकर उनकी गिरफ्तारी हेतु सभी एसटीएफ टीमों को निर्देश दिए गए हैं जिनके द्वारा समय-समय पर उनके छिपने के संभावित स्थानों पर दविशे दी जा रही हैं।
इसी क्रम में आज प्रातः एसटीएफ कार्यालय में सूचना मिलने पर एसटीएफ की कुमाऊं टीम एवं कोतवाली रामनगर की पुलिस टीम ने एक संयुक्त ऑपरेशन में थाना रामनगर जनपद नैनीताल के 25000 रुपए के ईनामी अपराधी बचे सिंह अधिकारी को रामनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ईनामी 420 आईपीसी के मुकदमें में पिछले वर्ष से फरार चल रहा था।
गिरफ्तार इनामी अपराधी के विरुद्ध थाना रामनगर में धारा 420 भा.द.वि. दर्ज हुआ था, जिसमें वह लगातार फरार चल रहा था। पकड़े गए शातिर अभियुक्त द्वारा स्थानीय कई लोगों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की गई है। जिसमें इसके विरुद्ध भिन्न-भिन्न न्यायालयों में भी मामले दर्ज हैं इसके अलावा इस अपराधी के विरुद्ध थाना रामनगर में पूर्व में भी कई मुकदमें धोखाधड़ी के दर्ज हैं।
इसकी गिरफ्तारी पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा 25000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था। गिरफ्तार इनामी ने पूछने पर बताया कि फरारी के दौरान वह रामनगर से भागकर वृंदावन, हरिद्वार, बरेली इत्यादि जगहो में पुलिस से छिपकर रहा। एसटीएफ की इस कार्यवाही में आरक्षी राजेन्द्र सिंह मेहरा व कृष्ण चन्द्र शर्मा (सविलॉस) की प्रमुख भूमिका रही। ईनामी अपराधियों के विरुद्ध एसटीएफ का गिरफ्तारी अभियान आगे भी जारी रहेगा।
गिरफ्तार अभियुक्त बचे सिंह पुत्र गोपाल सिंह निवासी ढेला बंदोबस्ती रामनगर जनपद नैनीताल का निवासी है। इसके खिलाफ धोखाधड़ी और एन0आई0एक्ट में आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसटीएफ कुमाऊं यूनिट के उपनिरीक्षक विपिन जोशी के0जी0 मठपाल, आरक्षी राजेंद्र सिंह महरा, आरक्षी वीरेंद्र चौहान, आरक्षी गुरवंत सिंह, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कनवाल, कृष्ण चंद्र शर्मा (सर्विलांस) के अलावा रामनगर कोतवाली के निरीक्षक अरुण कुमार सैनी, उपनिरीक्षक रविंद्र राणा, आरक्षी भारत भूषण शामिल थे।