उत्तराखंड के रामनगर स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में श्रमिक पर हमला करने वाले बाघ को पकड़ने के लिए सघन प्रयास जारी हैं। इस घटना के बाद सुरक्षा के उपायों को और कड़ा कर दिया गया है, और हमलावर बाघ की निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
13 फरवरी को बिजरानी रेंज के कानिया बीट कम्पार्ट-9 में गश्त कर रही टीम के एक श्रमिक पर बाघ ने हमला कर दिया था। घायल श्रमिक को तत्काल काशीपुर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी सर्जरी सफलतापूर्वक की गई और अब उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला और उपनिदेशक राहुल मिश्रा के मार्गदर्शन में, क्षेत्रीय वनाधिकारी अमित ग्वासीकोटी और वन क्षेत्राधिकारी भानु प्रकाश हरबोला के नेतृत्व में घटनास्थल पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। हमलावर बाघ की पहचान और रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।
सुरक्षा और निगरानी के लिए क्षेत्र में लगभग 12 कैमरा ट्रैप्स और 2 AI कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की 24 घंटे निगरानी के लिए टीम नियुक्त की गई है, जो हाथियों के माध्यम से इन कैमरों की चेकिंग कर रही है और बाघ की लोकेशन पर लगातार नजर रख रही है।
इसके अतिरिक्त, बाघ की पहचान और ट्रेंकुलाइज करने के लिए वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. दुष्यंत शर्मा की टीम द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन के माध्यम से बाघ को ट्रेस करने के प्रयास भी चल रहे हैं। इस दौरान, अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हमलावर बाघ को पकड़ लिया जाएगा और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी की जाएगी।
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